अब 4 महीनों के लिए शुभ मुहूर्त लाक
अब 4 महीनों के लिए शुभ मुहूर्त लाक सांकेतिक चित्र
मैडिटेशन एंड स्पिरिचुअलिटी

Chaturmas 2021 : अब 4 महीनों के लिए शुभ मुहूर्त लाक, नहीं होगें मांगलिक कार्य

Author : Krishna Sharma

भोपाल, मध्यप्रदेश। हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है, ताकि वो कार्य अच्छी तरह से संपन्न हो जाए। शुभ मुहूर्त का सीधा सा मतलब है ग्रह-नक्षत्रों की अनुकूल दशा। विवाहादि आयोजन में तो शुभ मुहूर्त का खास ख्याल रखा जाता है, क्योंकि यह पूरे जीवन का रिश्ता होता है। गुरुवार 15 जुलाई को इस सीजन में विवाह के लिए अंतिम शुभ मुहूर्त था। इसके बाद अगले चार महीने तक शहनाई नहीं गूंजेगी। हालांकि भड़ली नवमी पर अबूझ मुहूर्त होने के कारण कुछ शादियां हो सकेंगी। इसके बाद 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ ही चातुर्मास की शुरूआत हो जाएगी और विवाह ही नहीं, किसी भी तरह के मांगलिक कार्यों पर लॉकडाउन लग जाएगा। इसके बाद 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी से पुन: विवाह कार्यक्रम शुरू किए जा सकेंगे।

भगवान विष्णु जाएंगे योगनिद्रा में, भोलेनाथ संभालेंगे संसार का संचालन :

पौराणिक मान्‍यताओं के मुताबिक देवशयनी एकादशी के दिन से जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु भगवान क्षीरसागर में योगनिद्रा के लिए चले जाते हैं। उनकी ये निद्रा चार महीने बाद देवउठनी एकादशी के दिन खुलती है। इन चार महीनों के दौरान भगवान शिव को संसार के संचालन की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। सारे मांगलिक कार्य इसलिए बंद होते हैं, क्योंकि लोगों का मानना है कि भगवान अभी निद्रा में हैं और ऐसे में किसी भी कार्य में उनका आशीर्वाद नहीं मिल पाएगा। जब देवउठनी एकादशी के दिन भगवान जागते हैं, उसी दिन से शुभ कार्य दोबारा शुरू हो जाते हैं।

नवंबर-दिसंबर में हो सकेंगे ब्‍याह :

ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद गौतम ने बताया कि 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी से पुन: विवाह का सिलसिला शुरू होगा। नवंबर में सात और दिसंबर में 15 तारीख के पहले तक विवाह के सिर्फ 6 मुहूर्त ही होंगे। इनमें नवंबर में 15, 16, 20, 21, 28, 29 और 30 रहेगा, साथ ही दिसंबर में 1, 2, 6, 7, 11 और 13 तारीख तक मुहूर्त रहेगा।

मांगलिक नहीं, लेकिन शुभ कार्यों के लिए 32 मुहूर्त :

जुलाई से नवंबर तक मांगलिक कार्य तो नहीं होंगे लेकिन कई शुभ कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त अवश्य मिल जाएंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद गौतम ने बताया कि इसके तहत अगस्त माह में किसी भी तरह का शुभ कार्य छह, सात, आठ, नौ, 12, 16, 20, 27 और 28 अगस्त को कर सकते हैं। वहीं सितंबर में दो, चार, आठ, 13, 14, 17, 19, 20, 22, 25, 26 और 29 सितंबर को कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। अक्टूबर माह में एक, नौ, 10, 12, 14, 15, 18, 21, 23, 25 और 26 अक्टूबर को शुभ कार्य किए जा सकते हैं।

साल 2021 में थे बहुत सीमित मुहूर्त :

साल 2021 में बहुत सीमित विवाह मुहूर्त हैं। पूरे साल में कुल 51 शुभ मुहूर्त हैं, उनमें भी कोरोना ने सेंध लगा दी थी और तमाम लोगों की शादी टल गई थी। 19 जनवरी से गुरु तारा अस्त हो गया था और 16 फरवरी तक अस्त रहा। वहीं 16 फरवरी से शुक्र तारा अस्त हुआ था जो 18 अप्रैल को उदित हुआ। शुक्र के उदित होने के बाद 22 अप्रैल से शादियां एक बार फिर से शुरू हुईं लेकिन कोरोना कर्फ्यू ने उसमें भी रोक लगा दी।

24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा, शुरू होंगे संतों के चातुर्मास :

गुरुओं के प्रति सम्मान प्रकट करने व उनका अभिवादन करने का पर्व गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन भी कोरोना प्रोटोकॉल के कारण बड़े कार्यक्रम नहीं हो पाएंगे। शिष्य अपने गुरुओं का पूजन कर उनके चरण वंदन कर आशीर्वाद लेंगे। इसी दिन से संतों के चातुर्मास भी शुरू हो जाएंगे, जिसमें सभी संत भगवान का ध्यान करेंगे और लोगों को ईश्वरीय मार्ग तक ले जाने हेतु प्रवचन भी देंगे।

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