गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र को सिद्ध करने वाली, कल से होगी शुरू
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Gupt Navratri : गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र को सिद्ध करने वाली, कल से शुरू

Author : Krishna Sharma

Gupt Navratri : साल में 4 नवरात्र होते हैं। इनमें चैत्र और अश्विन महीने में प्रकट नवरात्रि होती है, वहीं, माघ और आषाढ़ महीने में आने वाली नवरात्र को गुप्त माना जाता है। माघ शुक्ल पक्ष एकम शुक्रवार 12 फरवरी से गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ होगा। जिसका समापन महानंदा नवमी 21 फरवरी रविवार को होगा। हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र को सिद्ध करने वाली मानी गई है। कहा जाता है कि गुप्त नवरात्रि में की जाने वाली पूजा से कई कष्टों से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक महाविद्याओं को भी सिद्ध करने के लिए मां दुर्गा की उपासना करते हैं।

गुप्त नवरात्रि 2021 तिथि और घट स्थापना शुभ मुहूर्त :

  • नवरात्रि शुरू 12 फरवरी 2021 दिन शुक्रवार

  • कलश स्थापना मुहूर्त- सुबह 08 बजकर 34 मिनट से 09 बजकर 59 मिनट तक।

  • अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक।

  • नवरात्रि समापन 21 फरवरी 2021 दिन रविवार

नौ देवियों के रूप :

  • शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री

मां दुर्गा के इन स्वरूपों की होती है पूजा :

मां कालिके, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता चित्रमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूम्रवती, माता बगलामुखी, मातंगी, कमला देवी।

गुप्त नवरात्रि में प्रयोग में आने वाली सामग्री :

मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र, सिंदूर, केसर, कपूर, जौ, धूप,वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सुगंधित तेल, बंदनवार आम के पत्तों का, लाल पुष्प, दूर्वा, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, आसन, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, जौ, बंदनवार, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, मधु, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, जावित्री, नारियल, आसन, रेत, मिट्टी, पान, लौंग, इलायची, कलश मिट्टी या पीतल का, हवन सामग्री, पूजन के लिए थाली, श्वेत वस्त्र, दूध, दही, ऋतुफल, सरसों सफेद और पीली, गंगाजल आदि।

मां दुर्गा की गुप्त नवरात्रि में ऐसे करें पूजा :

मां चामुंडा देवी के पूजारी पंडित रामजीवन दुवे ने बताया कि गुप्त नवरात्रि के दौरान तांत्रिक और अघोरी मां दुर्गा की आधी रात में पूजा करते हैं। मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित कर लाल रंग का सिंदूर और सुनहरे गोटे वाली चुनरी अर्पित की जाती है। इसके बाद मां के चरणों में पूजा सामग्री को अर्पित किया जाता है। मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाना शुभ माना जाता है। सरसों के तेल से दीपक जलाकर दुं दुर्गायै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। दुर्गा सप्त सती का पाठ किया जाता है। मां चामुण्डा दरबार भोपाल में भक्तों की अर्जी गुप्त नवरात्री में लगाई जायेगी।

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