Karwa Chauth 2020 : रात्रि 8.26 पर निकलेगा करवा चौथ का चांद
Karwa Chauth 2020 : रात्रि 8.26 पर निकलेगा करवा चौथ का चांद Social Media
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Karwa Chauth 2020 : रात्रि 8.26 पर निकलेगा करवा चौथ का चांद

Author : राज एक्सप्रेस

Karwa Chauth 2020। भारतीय महिलाओं के लिए अखंड सुहाग का प्रतीक करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु की मंगल कामना के लिए भगवान रजनीश (चंद्रमा )को अर्घ्य अर्पित कर व्रत को पूर्ण करती हैं। करवा चौथ को कर्क चतुर्थी भी कहते हैं । इस दिन सर्वाथ सिद्धि योग सूर्योदय से प्रारम्भ होकर रात तक रहेगा जो कि करवाचौथ के दिन सभी सिद्धि को देने वाला होगा। चंद्र दर्शन 8:26 पर होगा।

इस बार चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 4 नवंबर को सुबह 3:24 पर होगा तथा चतुर्थी तिथि का समापन 5 नवंबर को सुबह 4:14 पर होगा। अत: करवा चौथ का त्यौहार एवं व्रत 4 नवंबर को मनाया जाएगा। भारतीय संस्कृति में पति को परमेश्वर की संज्ञा दी जाती है। करवा चौथ का व्रत पति- पत्नी के बीच पवित्र प्रेम के बंधन का प्रतीक है। स्त्रियां ईश्वर के समक्ष यह प्रण लेती हैं कि वे मन- क्रम वचन से पति के प्रति पूर्ण समर्पण की भावना रखेंगी। करवा चौथ के व्रत में शाम को चंद्र के दर्शन कर व्रत तोड़ा जाता है। ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा का विवाह राजा दक्ष की 27 कन्याओं से हुआ था यह कन्या 27 नक्षत्रों के नाम से जानी जाती हैं, जिसमें से रोहिणी उनकी प्रिय पत्नी है। चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त है।

जानिए करवा चौथ व्रत विधि :

सुबह सूर्योदय के बाद कुछ भी ग्रहण न करें। जो महिलाएं शारीरिक रूप से कमजोर हैं, वे जल ग्रहण कर सकती हैं। सूर्योदय से पूर्व स्नान करें। पूजा पाठ करें और दिन में पूजा की तैयारियां शुरू कर दें। जहां तक संभव हो, घर में ही रहे हैं। पवित्रता का विशेष ख्याल रखें। रात में चंद्रमा की पूजा करने के बाद पति के हाथों जल ग्रहण करें।

करवा चौथ पर ऐसे करें पूजा, जानिए पूरी विधि :

चंद्रमा उदय होने के बाद उनकी पूजा आरंभ करें। सबसे पहले घी का दीपक जलाएं। इसके बाद एक एक कर पूजन सामग्री चंद्रमा की ओर देखते हुए अर्पित करें। आखिरी में अर्घ्य चढ़ाएं। छलनी में चंद्रमा और पति के दर्शन करें और पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत तोड़ें। इसके बाद भोजन कर सकते हैँ।

सर्वाध सिद्ध योग में मनेगा सुहाग पर्व :

पूजन विधि : एक पटे पर जल से भरा लोटा एवं करवा में चावल भरकर रखें। दीवार पर अथवा कागज पर चंद्रमा तथा उसके नीचे शिव - पार्वती की चित्रावली बनाकर पूजा करें ।

पूजन सामग्री : करवा, दीपक, कपूर, हल्दी, कलश, छलनी, तीलिया, दूध अगरबत्ती, चंदन, फूल, शक्कर ,फल शहद, मिठाई, चूड़ी, कंघी,बिंदी ,चुनरी, प्रसाद, सिंदूर, कुमकुम ,महावर आदि से पूजा करें ।

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