नागपंचमी : क्यों मनाई जाती है नागपंचमी?
नागपंचमी : क्यों मनाई जाती है नागपंचमी? Syed Dabeer Hussain - RE
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नागपंचमी आज : क्यों मनाई जाती है नागपंचमी? जानिए नागपंचमी की कथा

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। हिंदू धर्म में श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन नाग देवता की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। नाग देवता को दूध अर्पित किया जाता है। इसके अलावा कई महिलाएं इस दिन अपने परिवार की सुख-शांति के लिए व्रत भी रखती है।ऐसा माना जाता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से सांपों की ओर से होने वाली कोई भी अप्रिय घटना टल जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रतिवर्ष श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है? अगर नहीं! तो चलिए हम आपको बताते हैं।

नागपंचमी की क्या है कथा :

नागपंचमी क्यों मनाई जाती हैं, इसको लेकर कई अलग-अलग कथाएं प्रचलित हैं। उनमें से जो कथा सबसे अधिक प्रचलित है, वह द्वापरयुग के अंत के समय की है। हमारे धार्मिक शास्त्रों के अनुसार महाभारत का युद्ध खत्म होने के बाद अर्जुन के पौत्र राजा परीक्षित को सांप ने डस लिया था, जिसके कारण उनका निधन हो गया था। राजा परीक्षित के पुत्र राजा जनमेजय अपने पिता के निधन से बहुत दुखी हुए और उन्होंने पिता की मौत का बदला लेने के लिए सर्पसत्र यज्ञ शुरू किया। यज्ञ शुरू होते ही धीरे-धीरे सांप वहां आकर अग्नि में भस्म होने लगे। यदि यह यज्ञ सफल हो जाता तो दुनिया से सांपों का अस्तित्व ही समाप्त हो जाता।

ऋषि आस्तिक ने रुकवाया यज्ञ :

जिस समय यह यज्ञ चल रहा था, वहां ऋषि आस्तिक मुनि पहुंच गए। दुनियाभर के सांपों की रक्षा के लिए उन्होंने यज्ञ को बीच में ही रुकवा दिया। इस तरह से उन्होंने सांपों का अस्तित्व समाप्त होने से बचा लिया। इसके बाद ऋषि आस्तिक ने अग्नि में जलकर भस्म हो चुके सांपों पर कच्चा दूध डालकर उन्हें शीतल किया। मान्यता है कि उस दिन श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी। यही कारण है कि इस दिन नाग पंचमी मनाई जाती है और नाग देवता को दूध चढ़ाया जाता है।

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