संतान सप्तमी व्रत
संतान सप्तमी व्रत Syed Dabeer Hussain - RE
मैडिटेशन एंड स्पिरिचुअलिटी

संतान के सुख, समृद्धि और खुशहाल जीवन के लिए किया जाता है संतान सप्तमी व्रत

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। इस वर्ष संतान सप्तमी का आयोजन 3 सितंबर 2022 को यानि आज किया जा रहा है। इस दिन महिलाऐं व्रत करती हैं और अपनी संतान की लम्बी आयु और बेहतर स्वास्थ्य के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। शास्त्रों में इस व्रत का काफी महत्व है और इस व्रत को संतान को मंगलकामना देने वाला बताया गया है। संतानहीन परिवार इस व्रत को संतान प्राप्ति के लिए करता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। चलिए आपको बताते हैं इस व्रत के बारे में सभी बातें विस्तार से।

संतान सप्तमी तिथि :

इस वर्ष हिंदू कैलेंडर के अनुसार संतान सप्तमी की शुरुआत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 02 सितंबर के दिन दोपहर 01.51 बजे से शुरू हो रही रही है। जिसका समापन 03 सितंबर को दोपहर 12.28 बजे किया जाएगा। कल से शुरू हो चुकी संतान सप्तमी को उदयातिथि की मान्यता के अनुसार आज रखना उचित बताया गया है।

संतान सप्तमी पूजा का समय :

आज के दिन पूरा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11:55 बजे से लेकर दोपहर 12:46 बजे तक का बताया जा रहा है। इसके अलावा यदि आप सुबह जल्दी पूजा करना चाहते हैं तो सुबह 07:35 बजे से 09:10 बजे तक की पूजा कर सकते हैं। वहीं दोपहर में शुभ समय 01:55 बजे से शाम 05:05 बजे तक है।

क्यों किया जाता है संतान सप्तमी व्रत?

जैसा कि इस व्रत के नाम से ही पता चलता है कि यह व्रत संतान के सुख, समृद्धि और खुशहाल जीवन के लिए किया जाता है। शादी होने के काफी समय बाद भी जिन लोगों को संतान की प्राप्ति नहीं हो पाई है, वे इस व्रत को पूरे मन और भाव के साथ कर सकते हैं। इस व्रत को महिला और पुरुष दोनों के द्वारा किया जा सकता है। इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की सच्चे मन से पूजा की जाती है। इसके उपरांत संतान सप्तमी की कथा सुनते हैं। कहते हैं इस व्रत को करने से भगवान शिव और माता पार्वती अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

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