दशहरे पर पूजा-अर्चना करने से होती है विजय की प्राप्ति
दशहरे पर पूजा-अर्चना करने से होती है विजय की प्राप्ति Syed Dabeer Hussain - RE
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दशहरे पर पूजा-अर्चना करने से होती है विजय की प्राप्ति, जानिए पूजा विधि और महत्व

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। आज पूरे देश में धूमधाम से दशहरा का त्योहार मनाया जा रहा है। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक विजयादशमी के पर्व पर देशभर में रावण के पुतले का दहन किया जाता है। इसके अलावा इसी दिन माता दुर्गा ने महिषासुर नाम के राक्षस का वध भी किया था। आज के ही दिन से पंडालों में स्थापित मां दुर्गा की पूजा का समापन और माता की प्रतिमाओं का विसर्जन होता है। यही कारण है कि यह त्योहार हिन्दू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इस दिन लोग मां दुर्गा पूजा और भगवान राम की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्त होती है। तो चलिए जानते हैं कि आज किस तरह से भगवान की पूजा करें।

पूजा विधि :

सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहन लें। इसके बाद भगवान राम, लक्ष्मण, माता सीता और हनुमान जी का पूजन करें। दशहरे पर शमी के पौधे और मां अपराजिता की पूजा करने का भी विशेष महत्व है। ऐसे में शमी के पौधे के पास सरसों के तेल का दीपक जलाएं और देवी-देवताओं का ध्यान करें। इसके अलावा घर के ईशान कोण में मौजूद पूजा स्थल के पास अष्टदल चक्र बनाएं। फिर अपराजिता मंत्र का जाप करें और माता की प्रतिमा को रोली,अक्षत और फल-फूल अर्पित करें।

शस्त्र पूजा :

दशहरे पर शस्त्र पूजा का भी विशेष महत्व है। इसके लिए घर में मौजूद अस्त्रों को सबसे पहले किसी साफ़ जगह पर सजाकर रख दें। इसके बाद उनको तिलक लगाएं और अक्षत्-फूल से पूजन करें।

पूजा का महत्व :

हिन्दू धर्म में दशहरे के दिन पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि आज के दिन पूजा करने से जीवन में आने वाली समस्त बाधाओं का नाश होता है। किसी भी काम को करने पर हमें सफलता मिलती है। अस्त्र-शस्त्र की पूजा करने से उन्हें नुकसान नहीं होता है। साथ ही अगर आप कोई नया काम शुरू करना चाहते हैं तो आज मां की पूजा करके नया कार्य प्रारम्भ कर सकते हैं।

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