बच्‍चों की हर बात मानना जरूरी नहीं
बच्‍चों की हर बात मानना जरूरी नहीं Raj Express
पेरेंटिंग एंड मदरहुड

बच्‍चों की हर बात मानना जरूरी नहीं, इन 5 मामलों में जरूर बरतनी चाहिए सख्‍ती

Deepti Gupta

हाइलाइट्स :

  • बच्‍चों के दोस्‍त बनें माता-पिता।

  • कुछ चीजों पर बरतनी चाहिए सख्‍ती।

  • स्‍लीप पैटर्न पर रखें नजर।

  • बच्‍चों को जिम्‍मेदार बनाना सिखाएं।

राज एक्सप्रेस। कहते हैं बढ़ते बच्‍चों के साथ माता-पिता को उनका दोस्‍त बन जाना चाहिए। इससे उनके नजरिया और दृष्टिकोण को समझना काफी आसान होता है। लेकिन हर समय बच्‍चों को आजादी देना भी ठीक नहीं है। खासतौर से ऐसे समय जब उनकी डिमांड बेवजह की और उनके लिए फायदेमंद न हो तब। भले ही आप बच्‍चों के साथ कितने भी फ्रेंडली क्‍यों न हो, लेकिन बच्‍चों की कुछ चीजों पर रोक जरूर लगाना चाहिए। कहने का मतलब है कि उनके लिए कुछ लिमिट तय करें, ताकि वह अपनी हद में रहें और बिगड़ें नहीं। यहां बताया गया है कि आपके बच्‍चों के साथ कब-कब सख्‍त होने की जरूरत है।

हेल्‍दी स्‍लीप पैटर्न फॉलो करें

एक हेल्‍दी स्‍लीप पैटर्न हर किसी के लिए जरूरी है। चाहे बच्‍चा हो या बड़ा। बढ़ते बच्‍चों के साथ नींद की कमी सबसे बड़ी समस्‍या है। इसका सबसे बड़ा कारण है स्‍मार्टफोन। इसके चलते बच्‍चे आधी-आधी रात में नींद ले रहे हैं। इसलिए पेरेंट्स को बच्‍चे के स्‍लीप पैटर्न पर नजर रखनी चाहिए। पर्याप्त नींद से दिमाग हेल्दी और एक्टिव रहेगा। बिस्तर पर जाना और समय पर जागना एक ऐसा रूटीन है, जिसे वीकेंड पर भी फॉलो किया जाना चाहिए।

अपनी जिम्‍मेदारी समझें

उम्र बढ़ने के साथ ही बच्‍चों को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होना जरूरी है। चीजों को जगह पर रखना, छोटे की देखभाल व बड़ाें का सम्‍मान करना, घर में पालतू जानवर की केयर करने जैसी बुनियादी चीजें उन्‍हें आनी चाहिए। पैरेंट होने के नाते यह आपकी जिम्‍मेदारी है कि बच्‍चाें को सख्‍ती से उनकी जिम्‍मेदारी के बारे में बताएं।

सही और प्रासंगिक चीजें ही देखें

पढ़ाई से ब्रेक लेना, खेलना, टीवी देखना और इंटरनेट पर सर्फिंग करना भी जरूरी है ताकि बच्‍चा रिलेक्‍स हो सके। लेकिन इस आड़ में बच्‍चे चाेरी छिपे टीवी या मोबाइल में देखते हैं, कोई पैरेंट नहीं जानता। इसलिए इस मामले में सख्‍ती बरतें और ध्‍यान रखें कि बच्चा आपकी मौजूदगी में ही इंटरनेट ब्राउज करे। उन चैनल्‍स को लॉक कर दें, जो आपके अनुसार उनके लिए सही नहीं है। इस बात पर भी ध्यान दें कि बच्चा अजनबियों से तो बात नहीं कर रहा या फिर अपनी कोई निजी जानकारी तो शेयर नहीं कर रहा। सख्‍त रहें, लेकिन हेलिकॉप्टर पैरेंटिंग न अपनाएं।

सही लोगों के साथ घूमें

आपको अपने बच्चे के लाइफ में बहुत ज्‍यादा इंटरफेयर नहीं करना चाहिए और न ही उन्हें दोस्त बनाने से रोकना चाहिए। लेकिन जिन लोगों के साथ वह घूमता है उन पर नजर बनाए रखना बहुत जरूरी है। आपको उनके दोस्‍तों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। बेहतर है कि उन्हें घर पर इनवाइट करें , ताकि आप उनका फैमिली बैकग्राउंड जान सकें। यदि आपको लगता है कि बच्‍चे की कंपनी सही नहीं है तो बच्चे से बात करें और उसे बताएं कि क्‍याें उस व्यक्ति की कंपनी उनके लिए सही नहीं है।

हेल्‍दी हैबिट्स फॉलो करें

फिट रहने के लिए हम सभी को हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल फॉलो करनी पड़ती है। बच्‍चाें के मामले में भी ऐसा ही है। आपको इस बात का ध्‍यान रखना होगा कि बच्चा स्वस्थ और ताजा भोजन खाए और हर समय केवल जंक और अनहेल्‍दी फूड पर ही निर्भर ना रहे। हेल्‍दी फूड के साथ-साथ ओरल हेल्‍थ पर भी ध्‍यान देना चाहिए। दिन में दो बार ब्रश करना, खाने से पहले और बाद में हाथ धोना, नाखूनों को साफ रखना, कुछ ऐसी हेल्‍दी हैबिट्स हैं, जिनका बच्चे को पालन करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है, तो आपको सख्‍त भी होना पड़े, तो इसमें कुछ गलत नहीं है। बच्‍चे की भलाई के लिए आपको सख्‍ती बरतना जरूरी है।

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