उत्तर प्रदेश, भारत। PM नरेंद्र मोदी ने आज सुबह-सुबह तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का बड़ा ऐलान कर आंदोलनरत किसानों को बड़ा सरप्राइज दिया है। तो वहीं, मोदी सरकार के इस फैसले पर भी विपक्ष पार्टी के नेता उनपर कटाक्ष कर रहे है। कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा किए जाने के बाद से भी रिएक्शन का दौर जारी है। अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस फैसले को लेकर यह बयान दिया।
PM मोदी की ओर से माफी मांगे जाने को लेकर साधा निशाना :
दरअसल, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों की वापसी के इस फैसले को लेकर कहा कि, ''यह चुनाव को देखते हुए लिया गया फैसला है।'' साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानूनों की वापसी को किसानों की जीत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से माफी मांगे जाने को लेकर निशाना साधा और और कहा कि, ''जनता माफ नहीं करेगी, जनता चुनाव में साफ करेगी। जिस तरह से जनता सड़कों पर आ गई, हो सकता है उसकी वजह से घबराकर सरकार को ये फैसला वापस लेना पड़ा हो। चुनाव के बाद भविष्य में इस तरह के कानून नहीं लाए जाएंगे, इसका आश्वासन कौन देगा''
इनका दिल साफ नहीं है :
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कृषि कानूनों को वापस लेने को लेकर किसानों को बधाई भी दी। साथ ही यह कहा- जनता को सतर्क रहना होगा, बिना इनको हटाए किसानों के हित में फैसले नहीं होंगे इनका दिल साफ नही है। चुनाव बाद ये फिर से बिल लाएंगे।
इस दौरान अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर वोट के लिए सबकुछ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि, ''सरकार की नजर किसानों के हित पर नहीं, वोट पर है।'' मोदी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए सवालिया लहजे में यह बात भी कही कि, ''इस आंदोलन के दौरान जिन किसानों की जान गई है, क्या बीजेपी उनकी जान वापस ला सकती है, क्या किसानों पर अत्याचार के लिए ये सरकार माफी मांगेगी?''
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