हिंदुत्व और लिंचिंग पर छिड़ी बहस-Bhagwat के बयान पर Owaisi की तीखी टिप्‍पणी
हिंदुत्व और लिंचिंग पर छिड़ी बहस-Bhagwat के बयान पर Owaisi की तीखी टिप्‍पणी Social Media
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हिंदुत्व और लिंचिंग पर छिड़ी बहस-Bhagwat के बयान पर Owaisi की तीखी टिप्‍पणी

Author : Priyanka Sahu

दिल्‍ली, भारत। देश में कब कौन से मुद्दे पर राजनीति बहस शुरू हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता है। अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के हिंदुत्व और लिंचिंग को लेकर दिए बयान पर राजनीति हो रही है और उनके इन बयानों के खिलाफ AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने तीखी टिप्‍पणी की है।

नफरत हिंदुत्व की देन है :

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आज सोमवार को अपने ट्विटर अकाउंट से एक के बाद एक लगातार कई ट्वीट साझा करते हुए मोहन भागवत के बयान को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि, लिंचिंग का शिकार हर बार मुसलमान ही बनते हैं और ये नफरत हिंदुत्व की देन है, जिसे सरकार का समर्थन हासिल है। इतना ही नहीं बल्कि इस दौरान उन्‍होंने अखलाख और आसिफ का मुद्दा उठाते हुए भाजपा को भी आड़े हाथ लेते हुए हमला बोला। ओवैसी द्वारा ट्वीट कर कही गई बातें-

  • मुस्लिमों की लिंचिंग का आरोप लगाते हुए ओवैसी ने कहा- कायरता, हिंसा और क़त्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोच का अटूट हिस्सा है। मुसलमानों की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है।

  • केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है, अखलाक़ के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है, आसिफ़ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है, जहाँ भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि, "क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते?

  • RSS के भागवत ने कहा, "लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी"। इन अपराधियों को गाय और भैंस में फ़र्क़ नहीं पता होगा, लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक़, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे। ये नफ़रत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है।

एक नजर मोहन भागवत के बयान पर :

बता दें कि, संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा बीते दिन रविवार को एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में लिंचिंग को लेकर कहा था- इसमें शामिल लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं और लोकतंत्र में हिंदुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता है। बगैर एकता के देश का विकास संभव नहीं है और इस एकता का आधार राष्ट्रवाद होना चाहिए। भारतीयों का DNA एक है और मुसलमानों को डर के इस चक्र में नहीं फंसना चाहिए कि, भारत में इस्लाम खतरे में है। लोग मुसलमानों से देश छोड़ने को कहते हैं, वे खुद को हिन्दू नहीं कह सकते।

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