Sharad Pawar Interview
Sharad Pawar Interview Social Media
पॉलिटिक्स

शरद पवार इंटरव्यू : सवालों के जवाब में कई बड़े खुलासे

Priyanka Sahu

राज एक्‍सप्रेस। महाराष्ट्र में काफी सियासी उठापटक के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में तीन पार्टियों 'शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस' की सरकार बन गई है, इसी बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार द्वारा एक इंटरव्यू (Sharad Pawar Interview) के दौरान विशेष बातचीत में बीजेपी और एनसीपी के बीच हुए गठबंधन को लेकर बड़ा खुलासा किया, इसके अलावा उन्‍होंंने अजित पवार की बगावत समेत कई सवालों के जवाब दिए हैं।

PM मोदी के ऑफर पर पवार ने कहीं यह बात-

मैं प्रधानमंत्री से दूसरे कारणों की वजह से मिला था, इस दौरान प्रधानमंत्री ने मिलकर काम करने की इच्छा जताई। हालांकि, बातचीत के दौरान पीएम ने एनडीए के साथ जुड़ने का जिक्र नहीं किया, लेकिन मैं उनकी मंशा समझ गया था।
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार

इसके साथ ही सुप्रीमो शरद पवार ने आगे यह बात भी कहीं कि, मैंने उनसे कहा कि, हमने चुनाव एक-दूसरे के खिलाफ लड़ा था। प्रधानमंत्री मेरा मतलब समझ गए।

बीजेपी के ऊपर शिवसेना को क्यों तरजीह दी?

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने जब पूछा गया कि, बीजेपी के ऊपर शिवसेना को क्यों तरजीह दी? तो इस सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा- बीजेपी के मुकाबले शिवसेना के साथ गठबंधन उतना कठिन नहीं है।

डिप्टी सीएम पर पवार न क्‍या कहा?

इस दौरान शरद पवार से पूछा पार्टी पर भतीजे अजित पवार की पकड़ मजबूत है, लेकिन क्या वह डिप्टी सीएम बनेंगे, तो इसका जवाब देने से इंकार किया। वहीं उनके भतीजे अजित के अलग फैसले को लेकर उन्होंने यह बात जरूर कहीं कि, भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के साथ बातचीत कर रहे थे, लेकिन उन्हें इस बात का एहसास नहीं था कि, वे कुछ ऐसा कदम उठाएंगे।

सवाल-जवाब के वक्‍त पवार से यह बात पूछी गई कि, क्या महाराष्ट्र की उद्धव सरकार का रिमोट कंट्रोल शरद पवार के पास रहेगा, तो इस पर उन्होंने साफ यह जवाब दिया कि, नहीं निश्चित रूप से नहीं... कोई नियंत्रण नहीं, कोई रिमोट नहीं, जब उद्धव सीएम बने हैं, तो हमें उन्हें पूरा अधिकार देना है। शपथ ग्रहण के बाद से मैंने कुछ भी नहीं कहा है।

सवाल- अजित पवार ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया?

इस पर शरद पवार ने यह दिया- मुझे लगता है अजित पवार ने अपने आकलन के कारण बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया होगा कि, गठबंधन बन नहीं पाएगा, हालांकि अब अजित पवार परिवार में वापस आ चुके हैं, लेकिन जब वह 23 नवंबर को सुबह 6.30 बजे अजित पवार को देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ लेते हुए देख रहे थे, तो हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि, 'यह कहना बिल्कुल गलत है कि, मेरी जानकारी के बिना ऐसा नहीं होता।'

अजित पवार के पद को लेकर फैसला अभी बाद में होना है, अजित पवार एक मजबूत नेता हैं। उन्होंने पार्टी के लिए कठिन मेहनत की है, वे कार्यकर्ताओं के साथ खड़े रहे हैं और उन्होंने अपनी गलती मान ली है।

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