महाराष्ट्र में राहुल गांधी की प्रेस वार्ता
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महाराष्ट्र में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की क्या जरूरत, क्यों की शुरु इस पर दिया यह जवाब

Priyanka Sahu

महाराष्ट्र, भारत। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा का दौर जारी है। यह यात्रा कई राज्यों से होकर गुजर रही है। इस बीच आज गुरुवार को भारत जोड़ो यात्रा महाराष्ट्र में है। इस दौरान राहुल गांधी ने यहां प्रेस वार्ता की। इस दौरान राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा व मोदी सरकार पर जोरदार हमलों की बौछार की।

इस माहौल के खिलाफ खड़े होने के लिए भारत जोड़ो यात्रा शुरू की :

प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी से कुछ सवाल पूछे गए। भारत जोड़ो यात्रा को लेकर उनसे पूछा गया कि, भारत जोड़ों की क्या जरूरत है, जब भारत टूटा ही नहीं है। तो इस पर राहुल गांधी ने जवाब देते हुए कहा- भारत में पिछले 8 साल से डर का माहौल, नफरत और हिंसा फैलाई जा रही है। शायद बीजेपी के नेता हिंदुस्तान के किसानों, युवाओं से बात नहीं करते। अगर बात करते तो उन्हें पता लगता हिंदुस्तान के युवा को हिंदुस्तान के किसान को सामने का रास्ता नहीं दिख रहा, बेरोजगारी फैल रही है, महंगाई फैल रही है, किसान को सही दाम नहीं मिल रहा है तो इस माहौल के खिलाफ खड़े होने के लिए हमने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की है और यह कन्याकुमारी से श्रीनगर तक जाएगी, अगर लोगों को नहीं लगता कि इस यात्रा की जरूरत है, आप लोग बाहर नहीं निकलते।

जब सावरकर जी ने इस कागज पर हस्ताक्षर किया तो उसका कारण डर था अगर वो डरते नहीं तो वो कभी हस्ताक्षर नहीं करते। जब उन्होंने हस्ताक्षर किया तब उन्होंने महात्मा गांधी, सरदार पटेल आदि नेताओं को धोखा दिया। सावरकर जी ने अंग्रेजों की मदद की। उन्होंने अंग्रेजों को चिट्ठी लिखकर कहा - सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी

सरकार और देश का फर्ज बनता है क‍ि क‍िसानों की रक्षा की जाए :

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज यह बात भी कही- क‍िसानों की रक्षा करने की जरूरत है। हमारे क‍िसान देश को भोजन देते हैं, उन्‍हें छोड़ना नहीं है। सरकार और देश का फर्ज बनता है क‍ि क‍िसानों की रक्षा की जाए।

रोजगार को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार को जमकर घेरा और यह बात भी कही कि, "युवा को ये भरोसा नहीं कि उसे रोजगार मिल सकता है, चाहे वो कुछ भी पढ़ ले, किसी भी यूनिवर्सिटी से कोई भी डिग्री ले ले। मुझे एक भी युवा ऐसा नहीं मिला जिसने कॉन्फिडेंस से कहा हो कि हां.. मुझे रोजगार मिल जाएगा।''

  • युवा के माता-पिता ने मेहनत करके उसकी शिक्षा के लिए पैसा प्राइवेट इंस्टीट्यूशन को दिया है। एक तरफ वो दिनभर काम करते हैं, दूसरी तरफ महंगाई बढ़ती जा रही है और तीसरी उनके बच्चे के भविष्य का रास्ता बंद है।

  • दूसरी प्रॉब्लम किसानों की है, जो देश को भोजन देता है, उसको कोई सपोर्ट नहीं है। वो बीमा भरता है, लेकिन फसल खराब होने पर उसको पैसा नहीं मिलता, उसका कर्ज माफ नहीं होता।

  • तीसरी समस्या- सरकारी अस्पताल नहीं बचे, सरकारी स्कूल नहीं बचे, ये असमानता को बढ़ा रहे हैं।

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