राजस्थान, भारत। बीते कुछ साल पहले होली वाले दिन मध्य प्रदेश से एक खबर सामने आई थी कि, प्रदेश में कमलनाथ सरकार के कई विधायकों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया था। जिससे वहां, कांग्रेस की सरकार गिर गई थी और फिर से BJP की सरकार सत्ता में आ गई थी। अब ऐसा ही कुछ राजस्थान में भी होता नज़र आ रहा है। क्योंकि, राजस्थान में गहलोत सरकार के 92 विधायकों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है। इस खबर से यहां की राजनीति में गर्मागर्मी दिखाई दे रही है। किसी की चिंता बढ़ गई है तो, किसी की उम्मीदें बढ़ गई हैं। हालांकि, यहां बातचीत करके कुछ हल निकालने की भी बात सामने आई है।
राजस्थान की राजनीति में हुई बड़ी हलचल :
राजस्थान की राजनीति में अचानक बहुत बड़ी हलचल हुई है। ऐसा माना जा रहा है इस बड़ी हलचल से बहुत बड़े बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं। दरअसल, यह हलचल यहां की गहलोत सरकार के एक साथ 92 विधायकों के इस्तीफा देने से मची है। जो, सचिन पायलेट के विरोध में थे। इससे राजस्थान की सियासत पर बड़ा संकट मंडराता नज़र आने लगा है। ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन वाले सभी विधायक सचिन पायलट के खिलाफ हैं और उन्होंने राजस्थान में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने से साफ़ इंकार कर दिया है। इस बात के चलते ही गहलोत पार्टी के 92 विधायकों ने इस्तीफे देने का ऐलान करते हुए स्पीकर सीपी जोशी के पास अपना इस्तीफा सौंपने पहुंच गए। ऐसे में हैरान करने वाली खबर यह थी कि, स्पीकर सीपी जोशी खुद भी अपन इस्तीफा देना चाहते हैं।
राजस्थान सरकार में मंत्री का कहना :
बताते चलें, राजस्थान में जो आज जो हलचल देखने को मिल रही है, उसकी मुख्य वजह सचिन पायलट को ही बताया जा रहा है। इस मामले में राजस्थान सरकार में मंत्री और गहलोत के करीबी प्रताप सिंह खाचरियावास का एक बयान सामने आया है ,इस बयान में उन्होंने कहा है कि, 'सभी विधायक गुस्से में हैं और इस्तीफा दे रहे हैं। हम इसके लिए अध्यक्ष के पास जा रहे हैं। विधायक इस बात से खफा हैं कि CM अशोक गहलोत उनसे सलाह लिए बिना फैसला कैसे ले सकते हैं।' इसके अलावा खाचरियावास ने भी 92 विधायकों के इस्तीफे देने की पुष्टि की है। हालांकि, खबरों की मानें तो, अब तक 83 विधायकों द्वारा इस्ताफा सौंपा जा चुका हैं। इसके अलावा इस मामले को लेकर आज शाम को CM अशोक गहलोत के घर पर विधायक दल की बैठक बुलाई जानी थी, जिसे निरस्त कर दिया गया है।
क्या है मामला ?
दरअसल, रविवार की शाम को कांग्रेस विधायक दल की एक बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक के बाद सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की बात सामने आई। हालांकि, इस बैठक के होने से पहले गहलोत के खास मंत्री शांति धारीवाल के घर पर एक और बैठक हुई, जिसमें मुख्यमंत्री के सभी समर्थक विधायक पहुंचे। जब यह बात सामने आई तो इसके विरोध में यह सभी विधायक सीधे विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के घर अपना इस्तीफा लेकर पहुंच गए। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दावा करते हुए कहा कि, हमारे पास 92 विधायक हैं। गहलोत यह तय नहीं कर सकते है कि किसको सीएम बनना है।
विधायकों ने बिगाड़ा खेल :
सभी को यह उम्मीद थी कि, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए अशोक गहलोत का चयन होगा और राजस्थान की कमान राहुल गांधी और सोनिया गांधी के चहेते माने जाने वाले सचिन पायलट के हाथ में आसानी से आ जाएगी। हालांकि, विधायकों ने इस्तीफे देकर पूरा खेल बिगाड़ दिया है। मुख्यमंत्री आवास पर अजय माकन, मल्लिकार्जुन खड़गे, गहलोत, पायलट, रघु शर्मा और कुछ वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक जारी हैं। गहलोत सरकार के इन सभी विधायकों से उनकी मंशा जानकार उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही है। इनमें से कुछ लोग देल्ली से भी पहुंचे। उधर, खबर यह है कि, अशोक गहलोत और सचिन पायलट को दिल्ली बुलाया गया है। यहां दोनों को समझाने की कोशिश की जाएगी। इसके अलावा केसी वेणुगोपाल ने दोनों को कॉल कर सोनिया और राहुल का यह मैसेज दिया है।
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