नई दिल्ली। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने पेट्रोलियम पदार्थों तथा जरूरी वस्तुओं की कीमतों में हो रही निरंतर बढोतरी के विरोध में सोमवार को राज्यसभा में जोरदार हंगामा किया जिसके चलते सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। विपक्ष के विरोध के कारण सदन की कार्यवाही बार बार बाधित हुई जिससे शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका। आसन ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले बारह बजे, फिर दो बजे और बाद में दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
दो बार के स्थगन और भोजनावकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो उप सभापति संबित पात्रा ने श्रम और रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव से श्रम मंत्रालय के कामकाज पर हुई बहस का जवाब देने को कहा। इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि उन्होंने नियम 168 के तहत नोटिस देकर कई वर्षों से लंबित महिला आरक्षण विधेयक को इस सप्ताह सदन में लाने और पारित कराने की मांग की है। उप सभापति ने इसके बाद श्री यादव से जवाब शुरू करने को कहा लेकिन इसी बीच कांग्रेस, वामपंथी दलों और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य आसन के निकट आ गये। राष्ट्रीय जनता दल, द्रमुक और आम आदमी पार्टी के सदस्य अपनी जगहों पर खड़े थे।
सदस्य उप सभापति से महंगाई के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। इसी बीच द्रमुक के तिरूचि शिवा ने भी नियम 168 के तहत व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत महंगाई के मुद्दे पर चर्चा कराने का नोटिस दिया था। इस पर चर्चा होनी चाहिए। श्री पात्रा ने कहा कि सभापति इस बारे में निर्णय लेते हैं। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से अपनी जगहों पर लौटने के लिए कहा। इस बीच श्री यादव ने श्रम मंत्रालय के कामकाज पर जवाब शुरू किया लेकिन विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी तेज कर दी।
श्री पात्रा ने सदस्यों से अपनी जगहों पर लौटने की बार बार अपील की लेकिन जब इसका असर नहीं हुआ तो उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले भी विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले बारह बजे तक और फिर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी थी।
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