संजय राउत बोले- ऐसा आरोप महाराष्ट्र और न शिवसेना को मंजूर
संजय राउत बोले- ऐसा आरोप महाराष्ट्र और न शिवसेना को मंजूर Social Media
पॉलिटिक्स

सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्‍पणी से बवाल, संजय राउत बोले- ऐसा आरोप महाराष्ट्र और न शिवसेना को मंजूर

Priyanka Sahu

दिल्‍ली, भारत। दिवंगत विनायक दामोदर सावरकर को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दी गई टिप्‍पणी को लेकर बवाल मच बया है, उनकी इस टिप्‍पणी पर शिवसेना नेता नाराजगी जाहिर कर रहे है। शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बाद अब शिवसेना के नेता संजय राउत का बयान आया है।

वीर सावरकर पर ऐसा आरोप लगाना मंजूर नहीं :

इस दौरान राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर पर दिए बयान पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा है कि, ''वीर सावरकर पर ऐसा आरोप लगाना यह न महाराष्ट्र को और न शिवसेना को मंजूर है। महाराष्ट्र के कांग्रेस के नेता भी समर्थन नहीं करेंगे। यह मुद्दा लाने की जरूरत नहीं थी। इससे MVA में भी दरार आ सकती है।''

इतना ही नहीं आगे उन्‍होंने अपने बयान में सावरकर को भारत रत्न नहीं दिए जाने को लेकर भाजपा काे भी निशाने पर लिया और यह बात कहीं-

हम 10 साल से उनको भारत रत्न देने की बात कर रहे हैं, केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बाद भी वह उनको सम्मान क्यों नहीं दे रहे हैं? क्या उनका सावरकर प्रेम नकली हैं? BJP और RSS के लिए वह आदर्श पुरुष कभी नहीं रहे। उनका सावरकर प्रेम नकली है।
शिवसेना के नेता संजय राउत

बता दें कि, शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की ओर से भी राहुल गांधी के सावरकर वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुुए कहा था, राहुल गांधी का सावरकर पर दिया बयान ग़लत है साथ ही BJP से सवाल किया कि, अब तक 'सावरकर' को भारत रत्न क्यों नहीं दिया?

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हालांकि, दिवंगत विनायक दामोदर सावरकर पर राहुल गांधी ने बयान देकर अपनी मुसीबतें बढ़ा ली है और वे आलाेचनाओं का सामना कर रहे है। तो वहीं, शिवसेना (शिंदे गुट) की वंदना सुहास डोंगरे द्वारा सावरकर पर टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है व वंदना की शिकायत के आधार पर पुलिस ने धारा 500 और 501 आईपीसी के तहत असंज्ञेय अपराध का मामला दर्ज किया है।

यह था राहुल गांधी का बयान :

बता दें कि, राहुल गांधी ने गुरुवार को दावा किया कि, विनायक दामोदर सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और कारागार में रहने के दौरान उन्होंने डर के कारण माफीनामे पर हस्ताक्षर करके महात्मा गांधी और अन्य समकालीन भारतीय नेताओं को धोखा दिया था। साथ ही सावरकर के ‘माफीनामे’ की प्रति भी दिखाते हुए कहा- सावरकर जी ने अंग्रेजों की मदद की। अंग्रेजों को चिट्ठी लिखकर कहा – सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं।

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