US Commission
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पॉलिटिक्स

अमेरिकी आयोग ने नागरिकता बिल को बताया खतरनाक, प्रतिबंध की मांग

Author : Priyanka Sahu

राज एक्‍सप्रेस। देश में इस वक्‍त सबसे अधिक चर्चा का विषय 'नागरिकता संशोधन बिल' का ही बना हुआ हैं और इससे कोई खुश है तो दूसरी तरफ बवाल मचा हुआ है, कई जगह उग्र विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। तो वहीं इस बीच विदेश से भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया जाहिर की गई हैं। जी हां! लोकसभा में इस बिल के पारित हो जाने के बाद अंतराराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के मामलों को देखने वाली संघीय अमेरिकी आयोग (US Commission) का बयान भी सामने आया है, जिसमें चिंता व्‍यक्‍त करते हुए यह बात कहीं गई है।

क्‍या है अमेरिकी आयोग का बयान ?

दरअसल, 'नागरिकता संशोधन विधेयक' (CAB) के पास होने पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने इसे मोदी सरकार द्वारा एक गलत रास्ते पर लिया गया खतरनाक मोड़ करार दिया है।

नागरिकता संशोधन विधेयक बड़ी समस्या बनने वाला है, अगर नागरिकता संशोधन विधेयक दोनों संसद के सदन से पास हो जाता है, तो अमेरिकी सरकार को अमित शाह और दूसरे मुख्य नेताओं के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि USCIRF लोकसभा में इस बिल के पास होने से बड़े खतरे में है।
अमेरिकी आयोग

USCIRF ने अपने बयान में कहा, ''नागरिकता संशोधन बिल गलत दिशा में बढ़ाया गया एक खतरनाक कदम है, यह भारत के धर्मनिरपेक्ष बहुलवाद के समृद्ध इतिहास और भारतीय संविधान का विरोधाभासी है, जो धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर कानून के समक्ष समानता की गारंटी देता है।''

मुस्लिमों की नागरिकता पर संकट पैदा :

इसके अलावा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) पर भी अमेरिकी आयोग का यह कहना है कि, ''हमें यह डर है कि भारत सरकार भारतीय नागरिकता के लिए धार्मिक परीक्षण के हालात पैदा कर रही है, जिससे लाखों मुस्लिमों की नागरिकता पर संकट पैदा हो सकता है।'' आगे अमेरिकी आयोग द्वारा यह बात भी कहीं गई कि, ''भारत सरकार करीब एक दशक से अधिक समय से USCIRF की सालाना रिपोर्ट्स को नजरअंदाज कर रही है।''

पाकिस्तान ने भी किया विरोध :

वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भी 'नागरिकता संशोधन बिल' पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भेदभावकारी बिल करार देते हुए इसका विरोध किया है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा-

यह नया बिल दक्षिणपंथी हिंदू नेताओं द्वारा गढ़े जा रहे 'हिंदू राष्ट्र' की दिशा में एक और कदम है। यह बिल कट्टर हिंदूवाद की विचारधारा और क्षेत्र में तानाशाही की महत्वाकांक्षा का मिला-जुला परिणाम है। नया बिल भारत के धर्मनिरपेक्ष और लोकतंत्र होने के दावे की भी पोल खोलता है।

बता दें कि, 'नागरिकता संशोधन बिल' सोमवार देर रात को हंगामे और विवादों के बीच लोकसभा में पारित हो गया है।

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