अहमदाबाद के नवरंगपुरा में स्थित अस्पताल में तड़के 3 बजे आग लगी
अहमदाबाद के नवरंगपुरा में स्थित अस्पताल में तड़के 3 बजे आग लगी Social Media
राज ख़ास

अहमदाबाद के नवरंगपुरा में स्थित अस्पताल में तड़के 3 बजे आग लगी

Author : राज एक्सप्रेस

अहमदाबाद के बाद आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर में कोविड सेंटर के रूप में प्रयोग किए जा रहे एक होटल में भीषण आग लग गई। इस घटना में सात लोगों की मौत हो गई और 30 लोगों को सेंटर से बाहर निकाला गया है। इस घटना में कई लोग घायल भी हुए हैं। फिलहाल, दमकल विभाग मौके पर पहुंचकर आग बुझाने में जुटा हुआ है। साथ ही राहत बचाव का कार्य जारी है। वहीं, सूबे के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने दुर्घटना की जांच करने का आदेश दिया है। इससे पहले अहमदाबाद की घटना में 9 लोगों की मौत हुई थी। यह दोनों घटनाएं अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की इंतहा के रूप में सामने आई हैं। यह एक विचित्र स्थिति है कि मौजूदा समय में कोरोना महामारी के मद्देनजर जिन अस्पतालों को सबसे ज्यादा सावधानी, चौकसी और सुव्यवस्थित जगहों के रूप में देखा जा रहा है, वहां भी इस तरह के हादसों की स्थितियां बनने दी जाती हैं।

अहमदाबाद के नवरंगपुरा में स्थित अस्पताल के आईसीयू में गुरुवार तड़के तीन बजे आग लगी और वह पूरे अस्पताल में फैलती चली गई। रात में इस वक्त आमतौर पर लोग नींद में होते हैं और अचानक किसी हादसे की स्थिति में तुरंत अपने बचाव की पर्याप्त कोशिश नहीं कर पाते। ऐसा ही कुछ विजयवाड़ा में हुआ, जिसमें 7 लोगों की नाहक जान चली गई। हालांकि बाद में अग्नि शमन दस्ते ने आग पर काबू पा लिया और कई लोगों की जान बचाई जा सकी। इसके बावजूद यह अफसोसनाक यह है कि जिस होटल या कहें अस्पताल में यह हादसा हुआ, वह कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए खासतौर पर तैयार किया गया था। यानी जब विशेष व्यवस्था और सुरक्षा प्राप्त अस्पताल में लापरवाही का यह आलम है तो लोग और कहां से उम्मीद करें! अब एक रिवायत की तरह सरकार ने मामले की त्वरित जांच कराने व हादसे में मृतकों के परिजनों और घायलों को मुआवजा देने की घोषणा की है। या हादसे के बाद दुख जताने या मुआवजे की औपचारिकता से मृतकों या उनके परिवारों को होने वाले नुकसान की वास्तविक भरपाई हो पाती है!

अगर अस्पताल में व्यवस्था से संबंधित हर चीज की समय पर जांच और उसमें आई गड़बड़ी को दुरुस्त करने को लेकर चौकसी बरती जाए तो इस तरह के हादसों से बचा जा सकता है। लेकिन इस तरह अस्पतालों में आग की घटनाएं आने के बावजूद बाकी जगहों पर उससे सबक नहीं लिया जाता है और जरूरी सावधानी नहीं बरती जाती। अमदाबाद और आंध्रप्रदेश दोनों जगह कोविड के मरीजों के इलाज के लिए विशेष रूप से चिह्नित जिस अस्पताल में आग लगी, उसमें आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया है। ज्यादातर बहुमंजिला इमारतों में शॉर्ट सर्किट को ही आग लगने के आम कारण के रूप में दर्ज किया जाता है। फिर ऐसा यों होता है कि समय रहते ऐसे उपाय नहीं किए जाते, ताकि शॉर्ट सर्किट न हो और आग लगने जैसे हादसे से बचा जा सके?

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