प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 73वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 73वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में IBG News
राज ख़ास

सेना को मजबूत करना जरूरी

Author : राज एक्सप्रेस

राज एक्सप्रेस, भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर लालकिले की प्राचीर से बड़ा ऐलान करते हुए तीनों सेनाओं के लिए एकीकृत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाने का ऐलान किया। मौजूदा परिस्थितियों में सेना को मजबूती प्रदान करना बेहद उम्दा कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर लालकिले की प्राचीर से बड़ा ऐलान करते हुए तीनों सेनाओं के लिए एकीकृत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाने का ऐलान किया।

कारगिल युद्ध के बाद बनी रिव्यू कमेटी ने भी सीडीएस का पद सृजन करने की सिफारिश की थी। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद फाइव स्टार रैंक जनरल के सामानांतर होगा व तीनों सेनाओं थल, वायु, जल का जनरल होगा। इसकी जिम्मेदारी तीनों सेनाओं के बीच समन्वय मजबूत करने और सैन्य ऑपरेशन की स्थिति में रणनीति पर तेजी से अमल करने की होगी। आजादी के बाद तक देश में यह व्यवस्था थी, लेकिन प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सैन्य बल का विकेंद्रीकरण करके चीफ आफ डिफेंस स्टाफ के पद को समाप्त कर दिया था।

कारगिल जंग के बाद बनी समीक्षा समिति ने इस पद को बहाल करने की सिफारिश की थी। समिति के चेयरमैन विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पिता के. सुब्रमण्यम थे। सीडीएस की सिफारिश के मायनों को देखें तो कारगिल युद्ध के दौरान वायुसेना व भारतीय सेना के बीच तालमेल का अभाव साफ दिखाई दिया था। वायुसेना के इस्तेमाल पर तत्कालीन वायुसेनाध्यक्ष और सेनाध्यक्ष जनरल वीपी मलिक की राय अलग-अलग थी। भारतीय सामरिक रणनीतिकारों ने भी इस कमी को महसूस किया और सरकार से फिर से सीडीएस के गठन की सिफारिश की। अभी की व्यवस्था देखें तो सरकार ने तीनों सेनाओं में सबसे वरिष्ठ जनरल को चीफ आफ आर्मी स्टाफ की मंजूरी दी है।

तीनों सेनाओं ने लगातार सीडीएस के गठन की मांग की, लेकिन सरकारें सीडीएस के गठन से परहेज करती रही। करीब 19 साल तक यह सिफारिश ठंडे बस्ते में पड़ी रही। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से इसका ऐलान कर दिया। सरकार और रक्षा मंत्रालय के सामने सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न सीडीएस की वैधानिक स्थिति और प्रोटोकॉल को लेकर था। मौजूद तीनों जनरल फोर स्टार और रक्षा सचिव के समकक्ष हैं। ऐसे में जनरलों के जनरल का ओहदा क्या होगा? क्या वह साढ़े चार या फाइव स्टार जनरल होगा? या फिर रक्षा सचिव से ऊपर या कैबिनेट सेक्रेटरी के बराबर का दर्जा होगा? ऐसा होने पर अन्य प्रोटोकॉल की स्थिति क्या होगी? थल, वायु और नौसेना की सीडीएस पद पर अलग अलग दावेदारी भी आड़े आ रही थी।

कुल मिलाकर सरकार रक्षात्मक होकर चल रही थी। सरकार का एक डर और था कि कहीं फाइव स्टार जनरल चीफ ऑफ स्टाफ परिस्थिति विशेष में पाकिस्तान की तरह सैन्य शासन जैसी पहल न कर दे। पाकिस्तान में वैसे भी कई बार सैन्य शासन हो चुका है। हालांकि पाकिस्तान की तुलना भारतीय जनरल और सैन्यबल हमेशा कहीं अधिक अनुशासित और प्रोफेशनल रहे हैं। नाटो (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) से जुड़े ज्यादातर देशों में सेनाओं के सर्वोच्च पद पर चीफ ऑफ डिफेंस नियुक्त करने की व्यवस्था है।

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