कोरोना वायरस : वैक्सीन आने का मतलब यह नहीं कि कोरोना खत्म हो गया।
कोरोना वायरस : वैक्सीन आने का मतलब यह नहीं कि कोरोना खत्म हो गया। Social Media
राज ख़ास

कोरोना वायरस : वैक्सीन आने का मतलब यह नहीं कि कोरोना खत्म हो गया।

Author : राज एक्सप्रेस

भारत में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा फेज सोमवार से शुरू होगा। इसी दिन से रजिस्ट्रेशन भी शुरू किया जाएगा। इसके साथ वैसीनेशन प्रोग्राम सप्लाई-ड्रिवन नहीं रह जाएगा बल्कि डिमांड-ड्रिवन हो जाएगा। आम नागरिकों को केंद्र में रखकर इस प्लान को अंतिम रूप दिया गया है। यह फेज रेलवे की तर्ज पर काम करेगा। जिस तरह रेलवे टाइमटेबल बनाता है, वैसे ही अस्पताल तय करेंगे कि कब और कितने लोगों को वैक्सीन लगानी है। रेलवे में रिजर्वेशन और बिना रिजर्वेशन के भी सीटें मिलती हैं, इसी तरह अस्पतालों में शेड्यूल के अनुसार वैक्सीन लगेगी और वॉक-इन की व्यवस्था भी रहेगी। यानी बिना रिजर्वेशन के भी वैक्सीन लगवा सकेंगे। सोमवार से 10 हजार सरकारी केंद्रों और 20 हजार निजी अस्पतालों में टीका लगाया जाएगा। 45 साल से ऊपर के बीमार लोगों और 60 साल से ज्यादा के सभी लोगों का वैक्सीनेशन होगा। अगर इस एज ग्रुप के लोग सरकारी केंद्रों में जाते हैं तो उनके लिए टीका मुफ्त होगा, लेकिन निजी अस्पतालों में उन्हें पैसे देना होगा।

आम लोगों के लिए वैक्सीन का दिन तय करने के साथ ही समस्या कोरोना के नए केसों को लेकर भी है। महाराष्ट्र के हालात तो नए खतरे की ओर इशारा कर रहे हैं। राज्य में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नागरिकों के लिए पूर्व की भांति सख्त नियम लागू कर दिए हैं। महाराष्ट्र सरकार के इन कदमों ने दस महीने पहले की भयावह स्थिति की याद दिला दी है। केरल में मामले बढ़ते देख कर्नाटक ने उससे लगने वाली सीमा को सील कर दिया है। एक पखवाड़े पहले तक देश में संक्रमितों की संख्या काफी कमी आ गई थी और लगने लगा था कि अब हम महामारी से मुक्त होने की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन अब फिर से संक्रमण के नए मामलों में तेज वृद्धि से लग रहा है कि महामारी कहीं फिर से तो नहीं लौट रही। महाराष्ट्र और केरल के अलावा मध्यप्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ और यहां तक कि जम्मू - कश्मीर में भी संक्रमण लगातार नए मामलों का मिलना बता रहा है कि अगर हम अब भी नहीं चेते तो देश फिर संकट में फंस सकता है। लंबे समय से देखने में आ रहा है कि महामारी के खतरे को लेकर लोग एकदम बेपरवाह हो गए हैं और मास्क लगाने व सुरक्षित दूरी जैसे बचाव के जरूरी उपायों का कहीं पालन नहीं कर रहे।

राहत की बात यह है कि भारत के पास अब कोरोना का टीका भी है और व्यापक स्तर पर टीकाकरण का काम चल रहा है। लेकिन सभी को टीका मिलने में वक्त लगेगा। यह नहीं भूलना चाहिए कि अभी हम गंभीर संकट से निकले ही हैं और खतरा टला नहीं है। अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों में जहां लोगों ने न केवल लॉकडाउनन का विरोध किया, बल्कि मास्क लगाने तक से परहेज किया, वहां अब महामारी की दूसरी लहर से लोगों की जान खतरे में है। ऐसे में महामारी से निपटने के लिए बिना जन सहयोग के सरकारें कुछ नहीं कर पाएंगी। वैक्सीन आने का मतलब यह नहीं कि कोरोना खत्म हो गया।

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