आईपीएल को यूएई में कराने के सामने चुनौतियां
आईपीएल को यूएई में कराने के सामने चुनौतियां Syed Dabeer Hussain - RE
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आईपीएल को यूएई में कराने के सामने चुनौतियां

Author : राज एक्सप्रेस

राज एक्सप्रेस। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आईपीएल के शेष बचे 31 मैचों को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में सितम्बर-अक्टूबर में कराने का फैसला कर लिया है लेकिन इसके आयोजन में उसके सामने कई बड़ी चुनौतियां आने वाली हैं। बीसीसीआई और फ्रैंचाइजी टीमें तो आईपीएल को पूरा कराना चाहती हैं लेकिन क्या दूसरे बोर्ड भी यही भाव रखते हैं। क्या वे अपने खिलाड़ियों को लीग में हिस्सा लेने की अनुमति देंगे जबकि विश्व कप उनके सामने खड़ा है और कुछ द्विपक्षीय सीरीज (छह देशों को मिलाकर) भी होनी हैं।

आईपीएल की राह में सबसे पहली दुविधा इंग्लैंड में भारत की पांच मैचों की टेस्ट सीरीज है जो चार अगस्त को शुरू होगी और 14 सितंबर को समाप्त। ऐसे में बीसीसीआई के लिए सितंबर की शुरुआत में आईपीएल को शुरू करना मुमकिन नहीं है। वहीं इंग्लैंड के खिलाड़ी आईपीएल में उपलब्ध नहीं होंगे, क्योंकि भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के करीब एक हफ्ते बाद इंग्लैंड को बंगलादेश के दौरे पर जाना है और उसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ उसके घर पर सफेद गेंद श्रृंखला खेलनी है, जो अक्टूबर के मध्य तक चलने की उम्मीद है। इस कारण इंग्लैंड के खिलाड़ियों की अनुपलब्धता कई फ्रेंचाइजियों को चिंता का विषय है।

इसके अलावा दूसरी प्रमुख चुनौती कैरिबियाई प्रीमियर लीग (सीपीएल) है, जिसने शुक्रवार को खिलाड़ियों के मसौदे की घोषणा करते हुए दोहराया कि 2021 संस्करण 28 अगस्त से 19 सितंबर के बीच आयोजित किया जाएगा। कई शीर्ष कैरिबियाई खिलाड़ी और कई अन्य विदेशी खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ सीपीएल में शामिल हैं। इसके मद्देनजर बीसीसीआई ने सीपीएल के साथ बातचीत शुरू की है और उन्हें अपने शैड्यूल में बदलाव करने का आग्रह किया है, ताकि खिलाड़ियों को सीपीएल के आयोजन स्थल सेंट किट्स से यूएई में बायो-बबल में जल्द स्थानांतरित किया जा सके, हालांकि बीसीसीआई के लिए यह आसान काम नहीं होगा।

विदेशी खिलाड़ियों की उपलब्धता बीसीसीआई के आकाओं के लिए सबसे बड़ी चिंता है और उन्हें दूसरे क्रिकेट बोर्डों को मनाना होगा कि वे अपने खिलाड़ियों को आईपीएल के लिए रिलीज कर दें। क्रिकबज ने ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और वेस्ट इंडीज के बोर्डों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन केवल एक बोर्ड ने जवाब दिया। वेस्ट इंडीज के बोर्ड ने कहा,''हम बीसीसीआई से बातचीत कर यह जानना चाहते हैं कि उनका पहला मैच कब खेला जाएगा और हमारे सीपीएल खिलाड़ियों, स्टाफ और कमेंटेटर्स के लिए यूएई में उतारने के बाद क्या प्रोटोकॉल होंगे क्योंकि वे केएपीएल के स्थल सेंट किट्स में बायो बबल से निकलकर यात्रा करेंगे। हम यह भी जानना चाहते हैं कि किस तारीख को फाइनल होगा क्योंकि हमें अफगानिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के साथ त्रिकोणीय सीरीज की मेजबानी करनी है। लेकिन यह माना जा रहा है कि वेस्ट इंडीज के खिलाड़ी (पहले चरण में नौ खिलाड़ी खेले थे) रिलीज कर दिए जाएंगे।

इसके अलावा खर्चे की लागत का भी सवाल है। जो दोगुना या तिगुना हो सकता है। विदेशी खिलाड़ियों को लाना और वापस छोड़ना डबल हो जाएगा। विदेशी खिलाड़ी पहले आ चुके हैं और वापस जा चुके हैं। उन्हें बिजनेस क्लास में दुबारा लाना और फिर वापस छोड़ना खर्चे को दोगुना कर देगा। इसके अतिरिक्त चार्टर उड़ानों का खर्च भारतीयों, सीपीएल और अन्य के लिए जो द्विपक्षीय सीरीज में शामिल होंगे और उन्हें विशेष उड़ानों से लाया जाएगा ताकि बायो बबल से बायो बबल स्थानांतरण सुनिश्चित किया जा सके। यदि यात्रा का खर्च डबल होता है तो रहने का खर्च तीन गुना होगा। बीसीसीआई ने भारत में होटलों का खर्च एडजस्ट कर लिया था लेकिन क्या वह दुबई में ऐसा कर पाएंगे यह एक बड़ा सवाल है।

डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।

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