रणजी ट्रॉफी का इतिहास
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रणजी ट्रॉफी का इतिहास : जानिए किस टीम ने जीती सबसे ज्यादा ट्रॉफी

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में मध्यप्रदेश की क्रिकेट टीम ने इतिहास रचते हुए ट्रॉफी अपने नाम की है। फाइनल में मध्यप्रदेश ने टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम मुंबई को 6 विकेट से हराया। इसी के साथ 88 साल के रणजी इतिहास में मध्यप्रदेश पहली बार चैंपियन बना है। तो चलिए इस मौके पर हम आपको रणजी ट्रॉफी के इतिहास के बारे में बताते हैं।

रणजी ट्रॉफी की शुरुआत :

इस घरेलू टूर्नामेंट का आयोजन पहली बार साल 1934-35 में किया गया था। कुछ मौकों को छोड़ दें तो BCCI हर साल रणजी ट्रॉफी का आयोजन करती है। पिछले साल कोरोना के चलते रणजी ट्रॉफी का आयोजन नहीं हो पाया था।

रणजी ट्रॉफी नाम क्यों रखा गया?

दरअसल रणजी ट्रॉफी का नाम 1907 से 1933 तक नवानगर (वर्तमान में जामनगर) स्टेट के महाराजा रहे रणजीत सिंह के नाम पर रखा गया है। वह भारत के पहले क्रिकेटर थे, जिन्हें अंग्रेजों की क्रिकेट टीम में क्रिकेट खेलने का मौका मिला था। उन्होंने इंग्लैंड के लिए 15 टेस्ट मैचों में 45 की औसत से 989 रन बनाए हैं। दरअसल उस समय भारत की क्रिकेट टीम नहीं हुआ करती थी। साल 1933 में महाराजा रणजीत सिंह का निधन हो गया था। उनके निधन के एक साल बाद शुरू हुए इस घरेलू टूर्नामेंट का नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया।

सबसे ज्यादा रणजी चैंपियन :

रणजी ट्रॉफी के इतिहास की बात करें तो इस टूर्नामेंट में मुंबई की क्रिकेट टीम सबसे सफल टीम रही है। मुंबई ने रिकॉर्ड 41 बार यह ट्रॉफी अपने नाम की है। मुंबई के बाद नंबर आता है कर्नाटक की क्रिकेट टीम का। कर्नाटक ने 8 बार रणजी ट्रॉफी का ख़िताब जीता है। इनके अलावा दिल्ली 7 बार रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनी है।

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