मैनचेस्टर में न भी खेलूं तो कोई गम नहीं : जेम्स एंडरसन
मैनचेस्टर में न भी खेलूं तो कोई गम नहीं : जेम्स एंडरसन Social Media
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मैनचेस्टर में न भी खेलूं तो कोई गम नहीं : जेम्स एंडरसन

News Agency

लंदन। इंग्लैंड के अनुभवी गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध मैनचेस्टर में होने वाले चौथे एशेज़ टेस्ट से पहले स्पष्ट कर दिया है कि अगर उन्हें घरेलू मैदान पर खेलने का मौका न भी मिले तो उन्हें इसका कोई मलाल नहीं होगा। इस महीने के अंत में 41 साल के होने वाले एंडरसन लीड्स के हेडिंग्ले मैदान पर खेले गये तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड की टीम का हिस्सा नहीं रहे थे। उन्होंने श्रृंखला के शुरुआती दो मैचों में 75.33 की औसत से सिर्फ तीन विकेट ले सके, जिसके बाद उन्हें एकादश से बाहर रखने का फैसला लिया गया।

यह भले ही मैनचेस्टर में अपने घरेलू मैदान पर खेलने का एंडरसन का संभवतः आखिरी मौका हो, लेकिन वह जानते हैं कि कोच ब्रैंडन मैकुलम और कप्तान बेन स्टोक्स भावनाओं के वेग में बहकर कोई फैसला नहीं लेंगे। एंडरसन ने टेलीग्राफ में अपने स्तंभ में लिखा, "यह एशेज श्रृंखला है और अगले टेस्ट के लिये चयन में पुरानी यादों की भूमिका होने की बिल्कुल भी संभावना नहीं है। जिमी एंडरसन को (मैनचेस्टर में ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम के) जिमी एंडरसन छोर पर गेंदबाजी करने देना अच्छी कहानी है, लेकिन बेन स्टोक्स या ब्रेंडन मैकुलम के दिमाग में यह विचार नहीं होगा। वे उस विशेष सप्ताह ऑस्ट्रेलिया के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिये सबसे मजबूत टीम चुनेंगे। वे जो भी निर्णय लें, मैं इससे पूरी तरह खुश हूं।"

शुरुआती दो मैचों में एंडरसन के प्रदर्शन को अगर नज़रंदाज़ कर दिया जाये तो स्टोक्स के कप्तानी संभालने के बाद से वह टीम का एक अहम हिस्सा रहे हैं। उन्होंने 'बाज़बॉल' काल के 12 मैचों में 21.22 की औसत से 48 विकेट चटकाये हैं। ओल्ड ट्रैफर्ड पर खेले गये 10 टेस्ट मैचों में भी उनकी औसत 22.02 की है। ओली रॉबिन्सन की पीठ में खिंचाव होने के कारण 19 जुलाई से शुरू होने वाले टेस्ट में एंडरसन को मौका मिलने की मज़बूत संभावना है। एंडरसन ने लिखा, "मैं जानता हूं कि मुझे टीम में जगह मिलने की कोई गारंटी नहीं और मैं यह भी समझता हूं कि कोच-कप्तान जीतने वाली टीम के साथ ही उतरना चाहेंगे। टीम चयन मेरे हाथ में नहीं। मैं सिर्फ यह कोशिश करता हूं कि मैं अच्छी स्थिति में रहूं और खेलने के लिये तैयार रहूं।"

उन्होंने लिखा, "जब आप अपने करियर के उस दौर में होते हैं जहां मैं हूं तो आपको नहीं मालूम होता कि आपका आखिरी मैच कौनसा होगा। अगर मैं खेलता हूं तो यह ओल्ड ट्रैफर्ड पर मेरा आखिरी टेस्ट हो सकता है। कौन जानता है.? मैं इस बारे में नहीं सोच रहा। मैं बस टीम के साथ जुड़ा रहना चाहता हूं और जीत में योगदान देना चाहता हूं जिससे इंग्लैंड श्रृंखला में बराबरी कर ले।" एंडरसन ने कहा कि वह एक मैच के आराम के बाद तरोताज़ा महसूस कर रहे हैं। दिग्गज गेंदबाज़ ने कहा कि शुरुआती दो मैचों में वह अत्यधिक संजीदगी के साथ खेले, लेकिन अगर उन्हें चौथे टेस्ट में मौका मिलता है तो वह अपने चेहरे पर मुस्कान लेकर मैदान पर उतरेंगे।

एंडरसन ने लिखा, "सीरीज के पहले दो मैचों को देखूं तो मालूम होता है कि मैं बहुत गंभीर और बहुत तीव्र संजीदा था। अगर मुझे ओल्ड ट्रैफर्ड में मौका मिलता है तो मैं चेहरे पर मुस्कान के साथ उतरूंगा।" उन्होंने लिखा, "श्रृंखला अब जीवंत है और इसका हिस्सा बनना आश्चर्यजनक रहा है। मुझे फिर से योगदान करने का मौका मिलना अच्छा लगेगा। यह कुछ ऐसा है जो मैंने कई वर्षों से किया है। जब टीम को मेरी जरूरत हो तो आना और ऐसा प्रदर्शन करना जो खेल पर प्रभाव डाल सकता है।"

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