Asian Champions Trophy : जापान ने भारत को बराबरी पर रोका
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Asian Champions Trophy : जापान ने भारत को बराबरी पर रोका

News Agency

हाइलाइट्स :

  • एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भारत और जापान का मुकाबला बराबरी पर रहा।

  • भारत का रविवार को मलेशिया से मुकाबला होगा।

  • एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी पहली बार भारत में खेली जा रही है।

चेन्नई। करीब छह महीने पहले विश्वकप में भारत के हाथों 8-0 से मिली करारी हार को भुलाते हुए जापान ने शुक्रवार को यहां एशियन चैंपियंस ट्राफी में शुक्रवार को शानदार खेल का प्रदर्शन किया और मेजबान टीम को 1-1 की बराबरी पर राेकने में सफलता हासिल की। इस मुकाबले के बाद भारत अब तक खेले गये दो मैचों में चार अंक अर्जित कर अंकतालिका में मलेशिया के बाद दूसरे स्थान पर है वहीं जापान ने एक अंक के साथ खाता खोल लिया है। जापान के केन नागायोशी ‘हीरो आफ द मैच’ घोषित किये गये जिन्होने भारत के खिलाफ एकमात्र गोल दागा।

भारत ने पूरे मैच में आक्रामक खेल का प्रदर्शन किया जबकि दूसरी ओर जापान की रक्षा पंक्ति का प्रदर्शन लाजवाब रहा। भारत को मैच के दौरान कुल 14 पेनाल्टी कार्नर मिले जिसमें वह सिर्फ एक को गोल में तब्दील कर सका वहीं जापान ने मात्र अर्जित दो पेनाल्टी कार्नर में से एक को गोल में तब्दील कर लिया। अब रविवार को भारत का मुकाबला मलेशिया से होगा। मैच के बाद भारतीय कप्तान हरमनप्रीत ने अपनी टीम के प्रदर्शन से संतुष्ट नजर आये और उन्होने जापान की रक्षा पंक्ति को भी सराहा जिसने भारत के 13 पेनाल्टी कार्नर का भरपूर बचाव किया।

मैच का पहला क्वार्टर गोल रहित रहा जबकि दूसरे क्वार्टर के अंतिम क्षणाें में जुगराज सिंह और विवेक सागर को ग्रीन कार्ड मिलने के कारण दो मिनट के लिये मैदान से बाहर बैठना पडा। इस मौके को भुनाते हुये जापान ने जबरदस्त हमला बोलते हुये एक पेनाल्टी कार्नर हासिल किया और नागायोशी ने उसे गोल में बदलने में कोई गलती नहीं की। इसके बाद भारत ने जापान पर कई हमले किये मगर रक्षापंक्ति ने उन्हे नाकाम कर दिया। इस बीच तीसरे क्वार्टर में भारत ने दसवां पेनाल्टी कार्नर हासिल किया और कप्तान हरमनप्रीत ने जापान के गोलकीपर योशीकावा को छकाते हुये गेंद गोल में डाल दी।

इसके बाद भी भारत के हमले जारी रहे वहीं दूसरी ओर जापान के खिलाड़ी भारत के हमलों का बचाव करने में व्यस्त रहे। इस दौरान भारतीय कोच क्रेग फुलटन टीम के प्रदर्शन से असहज नजर आये। मैच के अंतिम क्षणों में नीलकंठ शर्मा जापान की रक्षा पंक्ति को भेदते हुये गोल की ओर बढे। उन्होने गोलकीपर को भी चकमा दे दिया था मगर योशीगावा दीवार बन कर सामने खडे हो गये और भारत की जीत की उम्मीद धराशायी हो गयी।

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