patanjali considers bidding for ipl title sponsorship
patanjali considers bidding for ipl title sponsorship  Kavita Singh Rathore -RE
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IPL-2020 के टाइटल स्पॉन्सर के तौर पर चर्चा में 'पतंजलि' का नाम

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। भारत में चीन के प्रॉडक्ट को बॉयकॉट करने के बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के लिए चीनी मोबाइल कंपनी Vivo को स्पॉन्सर किया था। इसी को लेकर विवाद उठ रहे थे। जिसके चलते BCCI ने चीनी की कंपनी Vivo के साथ IPL के 2020 के सीजन के लिए टाइटल स्पॉन्सर की डील को खत्म कर दिया है। लेकिन अब प्रश्न यह उठता है कि, Vivo कंपनी की जगह कौन सी कंपनी लेगी ? तो बता दें, इस साल IPL के टाइटल स्पॉन्सर के लिए बाबा रामदेव की कंपनी 'पतंजलि' (Patanjali) का नाम सामने आया है।

पतंजलि ने दिखाई रूचि :

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड BCCI ने IPL 2020 के सीजन के टाइटल स्पॉन्सर Vivo का नाम हटा दिया है। लेकिन अब BCCI को एक नई कंपनी के साथ डील करनी होगी। जिसका तरीका होता है नीलामी। जी हां, IPL का टाइटल स्पॉन्सर चुनने के लिए कंपनियों को बोली लगानी पड़ती है। इस बीच इस नीलामी के लिए योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि का भी नाम सामने आ रहा है। लोगों का कहना है कि, पतंजलि ने IPL 2020 के टाइटल स्पॉन्सर बनने में अपनी रूचि दिखाई है।

T20 लीग का टाइटल स्पॉन्सर बनने का मौका :

बताते चलें, Vivo के इस साल IPL के टाइटल स्पॉन्सर से हटने से यह बहुत ही अच्छा मौका पतंजलि को मिल सकता है। यदि ऐसा होता है तो, पतंजलि कंपनी को इस सीजन के लिए दुनिया की सबसे महंगी T20 लीग की मुख्य टाइटल स्पॉन्सर बनने का मौका मिल सकता है। खबरों के अनुसार, पतंजलि भी IPL के टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए बोली लगा सकती है।

पतंजलि के प्रवक्ता का कहना :

पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला का कहना है कि, "हम इस वर्ष के लिए IPL के शीर्षक प्रायोजन पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि हम पतंजलि ब्रांड को वैश्विक मंच देना चाहते हैं।" इस मामले में लोगों का मानना है कि, BCCI हर साल Vivo से टाइटल स्पॉन्सर के तौर पर जितनी राशि लेते थे। अब उसकी जगह पतंजलि या भारत की कोई कंपनी आती है तो, उससे शायद ही उतनी रकम राशि का भुगतान कराया जाए।

सौरव गांगुली का कहना :

बताते चलें, BCCI के अध्यक्ष सौरव गांगुली का कहना है कि, "इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 13 वें संस्करण के लिए टाइटल प्रायोजक के रूप में Vivo के बाहर निकलने को वित्तीय संकट के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। हमेशा इस तरह के फैसलों के लिए तैयार रहना चाहिए और अपने दूसरे विकल्पों को खुला रखना चाहिए।"

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