एस श्रीसंत ने 7 साल के बैन के बाद वापस पाई रणजी टीम में जगह
एस श्रीसंत ने 7 साल के बैन के बाद वापस पाई रणजी टीम में जगह Social Media
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एस श्रीसंत ने 7 साल के बैन के बाद वापस पाई रणजी टीम में जगह

Ankit Dubey

राज एक्सप्रेस। भारतीय क्रिकेट टीम में एक समय अपनी गेंदबाजी का जलवा बिखेरने वाले एस श्रीसंत (S. Sreesanth) एक बार फिर रणजी टीम में वापसी करने वाले हैं। केरल क्रिकेट संघ ने 7 साल के प्रतिबंध के बाद एस श्रीसंत को राज्य रणजी क्रिकेट टीम में शामिल करने का फैसला किया है।

37 वर्षीय एस श्रीसंत पर मैच फिक्सिंग के आरोप लगे थे, साल 2013 में दिल्ली पुलिस ने मैच फिक्सिंग के आरोप में श्रीसंत और उनके दो साथी खिलाड़ी जीत चांडिला और अंकित छवन को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद बीसीसीआई (BCCI) द्वारा उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था। फिर उन्होंने कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी। साल 2015 में दिल्ली की एक विशेष अदालत ने श्रीसंत को सभी आरोपों से बरी कर दिया था।

साल 2018 में हटा था आजीवन प्रतिबंध

साल 2018 में केरल उच्च न्यायालय द्वारा श्रीसंत (S. Sreesanth) पर लगे आजीवन प्रतिबंध को रद्द कर दिया गया, लेकिन साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने उनके अपराध को बरकरार रखा और बीसीसीआई से सजा की मात्रा कम करने के लिए कहा गया। जिसके बाद बीसीसीआई ने उनके आजीवन प्रतिबंध को 7 साल में तब्दील कर दिया। यह प्रतिबंध साल 2020 सितंबर में समाप्त हो जाएगा।

श्रीसंत ने किया केरल क्रिकेट संघ का धन्यवाद

रणजी टीम में वापसी के बाद श्रीसंत ने केरल क्रिकेट संघ का धन्यवाद दिया, उन्होंने कहा कि मैं केरल क्रिकेट संघ का आभारी हूं, मैं अपनी फिटनेस पर ध्यान दूंगा और अपने आपको साबित करूंगा, यह सभी विवादों को शांत करने का समय है।

केरल क्रिकेट संघ के सचिव सीरीथ नायर ने इसे लेकर कहा कि उनकी वापसी राज्य टीम के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

आपको बता दें भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एस श्रीसंत (S. Sreesanth) 27 टेस्ट मुकाबले खेल चुके हैं, जिनमें उन्होंने 87 विकेट लिए हैं। जबकि वनडे इंटरनेशनल मुकाबलों में उन्होंने 75 विकेट हासिल किए हैं। वह साल 2011 विश्व कप टीम का हिस्सा भी रहे हैं।

विवादों से उनका नाता पुराना है, एक बार टीम के साथी खिलाड़ी हरभजन सिंह ने उनको आईपीएल के दौरान थप्पड़ भी मार दिया था। श्रीसंत का नाता राजनीति से भी रहा है, उन्होंने भाजपा से चुनाव में खड़े होकर कांग्रेस के एस शिवकुमार से हार का सामना किया था।

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