सचिन तेंदुलकर को मिला लॉरियस स्पोर्टिंग मोमेंट अवॉर्ड 2000-2020
सचिन तेंदुलकर को मिला लॉरियस स्पोर्टिंग मोमेंट अवॉर्ड 2000-2020  Social Media
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सचिन तेंदुलकर को मिला लॉरियस स्पोर्टिंग मोमेंट अवॉर्ड 2000-2020

Author : Ankit Dubey

राज एक्सप्रेस। दुनिया के महानतम पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को लॉरियस स्पोर्टिंग मोमेंट अवॉर्ड 2000-2020 (Laureus Sporting Moment Award 2000-2020) के खिताब से नवाजा गया है। भारतीय टीम ने अपनी सरजमीं पर साल 2011 में विश्व कप जीता था। जिसके बाद सचिन तेंदुलकर को अन्य साथियों ने कंधे पर उठा लिया था। जिसे पिछले 20 वर्षों में लॉरियस सर्वश्रेष्ठ खेल क्षण माना गया है। देश और दुनिया के सभी क्रिकेट प्रशंसकों द्वारा समर्थन मिलने के साथ ही सचिन तेंदुलकर को इस अवार्ड के लिए सबसे ज्यादा वोट मिले हैं।

Sachin Tendulkar

बर्लिन में आयोजित समारोह में किया गया ऐलान

इस अवॉर्ड को बर्लिन में आयोजित किया गया था। जहां सचिन तेंदुलकर भी पहुंचे और उनके नाम का ऐलान किया गया। सचिन तेंदुलकर ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट डाल कर इस बात की जानकारी दी। सचिन तेंदुलकर के साथ इस अवार्ड को पाने के लिए 20 और दावेदार भी शामिल थे। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने सोमवार को शानदार समारोह के दौरान इस अवार्ड की घोषणा की। टेनिस के दिग्गज बोरिस बेकर ने तेंदुलकर को यह ट्रॉफी प्रदान की।

धोनी ने छक्का लगाकर दिलाई थी जीत

साल 2011 का विश्व कप सभी के लिए खास था। खासकर सचिन तेंदुलकर के लिए क्योंकि वह अपना छठा विश्व कप खेल रहे थे। जिसमें जीत भारतीय टीम को हासिल हुई। इस मैच में महेंद्र सिंह धोनी ने छक्का लगाकर जीत दिलाई थी। 2 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में जब टीम जीती, तो भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने सचिन तेंदुलकर को अपने कंधों पर उठा लिया और पूरे मैदान में लेकर घूमे साथ ही सभी दर्शकों का अभिवादन किया।

ट्रॉफी मिलने के बाद सचिन तेंदुलकर से उस पल की भावनाओं को सभी से साझा करने को कहा गया

मेरा सफर 1983 में शुरू हुआ था। जब मैं 10 साल का था। भारत ने विश्व कप जीता। मुझे उसका महत्व समझ में नहीं आया , हर कोई जश्न मना रहा था इसलिए मैं भी जश्न मनाने लगा। लेकिन कहीं ना कहीं मुझे पता था कि देश के लिए कुछ खास हुआ और मैं एक दिन इसका अनुभव करना चाहता था। यहीं से मेरे सफर की शुरुआत हुई। मेरे लिए यह सबसे गौरवपूर्ण क्षण है। इस ट्रॉफी को पकड़े हुए सचिन जिसका मैंने 22 वर्षो तक पीछा किया था लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं खोई, मैं केवल अपने देशवासियों की ओर से ट्रॉफी को हाथ में लिए हुए था।
सचिन तेंदुलकर, पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी

सचिन तेंदुलकर ने नेल्सन मंडेला को लेकर भी कहा कि उनसे मैं जब 19 साल का था तब मुलाकात हुई। उनके कई संदेश में से एक महत्वपूर्ण मुझे यह लगा कि खेल में सभी को एकजुट करने की क्षमता होती है।

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