भारतीय फुटबॉल के मूलभूत विकास के लिए संतोष ट्रॉफी जरूरी
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भारतीय फुटबॉल के मूलभूत विकास के लिए संतोष ट्रॉफी जरूरी : डॉ. शाजी प्रभाकरन

News Agency

नई दिल्ली। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के महासचिव डॉ. शाजी प्रभाकरन ने शनिवार को कहा कि संतोष ट्रॉफी भारतीय फुटबॉल के मूलभूत विकास के लिए बेहद जरूरी है और यह नये खिलाड़ियों को उनका करियर शुरू करने में मदद करेगी। डॉ. प्रभाकरन ने कहा, “भारत एक बहुत बड़ा देश है। यह लगभग अपने आप में एक महाद्वीप जैसा है और हमें यहां हर स्तर पर फुटबॉल के प्रतिस्पर्धी आधार को बढ़ाने की जरूरत है। हर राज्य संतोष ट्रॉफी में भाग लेने के लिए उत्सुक है और उन्हें बेहतर अवसर देने का मतलब है कि वे अपने क्षेत्रों में जमीनी स्तर के संचालन में सुधार करने के लिए प्रेरित होंगे, ताकि लंबे समय तक प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन किया जा सके।”

उन्होंने कहा, “देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भले ही हीरो आईएसएल या हीरो आई-लीग में खेल रहे हों, लेकिन संतोष ट्रॉफी में खिलाड़ी अपने करियर की शुरुआत करना चाहते हैं। कई लोग टूर्नामेंट को एक सीढ़ी के रूप में उपयोग करते हैं, और अच्छे प्रदर्शन का मतलब हो सकता है कि उन्हें बड़े क्लबों के साथ अनुबंध मिले। यह टूर्नामेंट कई खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी पाने में भी मदद करता है। यह विशेष रूप से निचले स्तर पर खिलाड़ियों के लिए आवश्यक है क्योंकि वे अपनी तिजोरी में सुरक्षित आय के साथ फुटबॉल खेलना जारी रख सकते हैं।”

संतोष ट्रॉफी के लिये 76वीं राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप शुक्रवार से शुरू हो गयी है और इसका उद्देश्य खेल को देश के हर कोने तक फैलाना है। डॉ. प्रभाकरन ने राज्यों और खिलाड़ियों को अधिक मैच देने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इससे टीमों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास संतोष ट्रॉफी को पुनर्जीवित करना है, इसे भारतीय फुटबॉल परिदृश्य में सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगिताओं में से एक के रूप में वापस लाना है और हर स्तर पर फुटबॉल को सक्रिय करना है। अधिक खेलों के साथ, राज्य भी अधिक गंभीरता के साथ अपनी टीमों को तैयार करेंगे और वे अधिक स्थानीय प्रतिभाओं को खोजने का प्रयास करेंगे।”

इस सीजन में हीरो संतोष ट्रॉफी का एक मुख्य आकर्षण यह है कि 2022-23 सीजन के सेमीफाइनल और फाइनल सऊदी अरब में खेले जाएंगे। यह पहली बार होगा जब हीरो संतोष ट्रॉफी के मैच भारत से बाहर खेले जाएंगे और डॉ. प्रभाकरन का मानना ​​है कि यह खिलाड़ियों को काफी प्रेरित कर सकता है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि संतोष ट्रॉफी को विदेश में ले जाने से खिलाड़ियों और टीमों को बहुत प्रेरणा मिलेगी। भले ही केवल चार टीमें यात्रा करेंगी, लेकिन 36 टीमें इन चार स्थानों के लिये लड़ेंगे और हम उम्मीद करते हैं कि इन चार स्थानों के लिये प्रतिस्पर्धा कड़ी होगी।”

डॉ. प्रभाकरन ने कहा, “उम्मीद है कि संतोष ट्रॉफी की सफलता से हमारे हितधारक स्थानीय फुटबॉल में पैसा लगाने के लिये और अधिक प्रेरित होंगे, क्योंकि हमें जमीनी स्तर पर अधिक निवेश करने की जरूरत है। हमारे सदस्य संघों को स्थानीय स्तर पर फुटबॉल के विकास में बहुत अधिक सहायता और मार्गदर्शन की आवश्यकता है, इसलिए शायद संतोष ट्रॉफी अधिक सहयोग के लिये एक सेतु के रूप में काम कर सकती है।”

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