भारतीय क्रिकेट टीम में विवादों का मसला है पुराना
भारतीय क्रिकेट टीम में विवादों का मसला है पुराना Neha Srivastava-RE
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भारतीय क्रिकेट टीम में विवादों का मसला है, पुराना

Author : Ankit Dubey

राज एक्सप्रेस। भारतीय क्रिकेट टीम के होनहार कप्तान विराट कोहली और हिटमैन उपकप्तान रोहित शर्मा दोनों मे कुछ विवाद है, ऐसी खबरें कुछ महीनों से बड़ा तूल पकड़ती नज़र आ रही हैं, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों में आपसी मतभेद है, लेकिन टीम जिस प्रकार प्रदर्शन कर रही है उस से तो ये बिलकुल नज़र नहीं आता कि, इस बात में कोई दमखम हो, वर्ल्ड कप 2019 हो या फिर अभी हाल ही में हुए दौरे हों सभी में मिल जुलकर टीम और दोनों खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन दिया है।

ऐसा नहीं है की टीम में विवाद या किसी निर्णय को लेने के ऊपर सवाल जवाब न होता हो पर इसको 2 खिलाड़ियों के बीच विवाद का रूप दे दिया जाये। ये गलत बात होगी जिस तरह किसी भी टीमवर्क में उतार चढ़ाव नौक झोक लगी रहती है उस तरह भारतीय टीम में भी एक अलग माहौल होना लाज़मी है। हम आप को ये भी बता देते है कि ऐसी खबरों पर खुद कप्तान और उपकप्तान रोहित शर्मा अपने बयान दे चुके हैं की हमारे बीच सब कुछ अच्छा है और किसी भी प्रकार का विवाद नहीं है टीम में बेहद अच्छा माहौल है तभी हम अच्छा खेल देखा पाने में सक्षम साबित हो रहे हैं।

विवादों का नाता है पुराना

देखा जाये तो ऐसे विवादों की खबरे नयी बिलकुल नहीं है पहले भी बेस्ट फिनिशर और सबसे सफल कप्तान रहे 'महेंद्र सिंह धोनी' और उपकप्तान रहे 'वीरेंद्र सहवाग' के बीच ऐसे विवाद की खबर मिलती रही हैं, पर दोनों साथ खेले और कभी किसी तरीके का कोई भी विवाद सामने नहीं आया, बल्कि दोनों ही अच्छे मित्रो की तरह सामने भी आये और दोनों से एक दूसरे की तारीफ़ भी सुनने को मिलीं।

इससे पहले बंगाल टाइगर कहे जाने वाले पूर्व कप्तान 'सौरव गांगुली' की बात करें तो उनकी भी अपने टीम में कुछ निर्णयों को लेकर विवादों में रहने की खबर आम बात थी, लेकिन किसी भी विवाद से टीम के खेल पर कभी असर नहीं पड़ा। सौरव गांगुली टीम में एक नयी क्रांति की तरह साबित हुए। जिनकी वजह से आज टीम में कभी हार ना मानने की क्षमता है। गांगुली के योगदान ने टीम को शुरू से सही दिशा देने में मदद की है।

क्या कहना है भारतीय टीम के मौजूदा कोच रवि शास्त्री का?

शास्त्री ने एक साक्षात्कार में कहा है कि, टीम में 15 खिलाडी होते हैं और सबका गेम को देखने का नजरिया अलग होता है और ऐसा होना भी चाहिए, मैं भी कभी ये नहीं चाहता कि, सबकी सोच एक तरह की हो और वो एक तरह सोच रख कर सामने आये। हर विषय पर बात होनी ज़रूरी है, तभी कोई किसी नई रणनीति के बारे में सोच सकता है जिसे प्रोत्साहित करना चाहिए इस ही कारण खिलाड़ियों को अपनी सोच-समझ बताने का पूरा हक़ है और हक़ मिलना भी चाहिए जिसके बाद हमे देखना होगा की क्या सबसे बेहतर निकल कर सामने आता है?

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