पेरिस। फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए रविवार को मतदान होगा और इसी के साथ देश की जनता यह फैसला करेगी कि इस बार सत्ता की कमान कौन संभालेगा।
दिलचस्प तथ्य यह है कि जहां फ्रांस के निर्वतमान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सत्ता पर पुन: काबिज होने की पुरजोर कोशिश में हैं ,वहीं उनकी इस आकांक्षा को धूमिल करने का लक्ष्य साथ लिए धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ली पेन उनके सामने चुनाव मैदान में हैं और जबरदस्त टक्कर देने के लिए कटिबद्ध हैं।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में सुश्री ली पेन एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरी हैं , हालांकि श्री मैक्रों की सक्रियता और रणनीति के परिप्रेक्ष्य में उन्हें भी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है। दोनों उम्मीदवार अपनी जीत के ध्येय से उन मतदाताओं को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं जिन्होंने पहले चरण में किसी अन्य के लिए मतदान किया था।
चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि श्री मैक्रों और सुश्री ली पेन के समक्ष मतदान को लेकर ध्रुवीकरण की स्थिति है तथा मतदान न करने वाले लोगों की संख्या भी उनकी हार-जीत पर असर डालेगी।
श्री मैक्रो पर अमीरों के राष्ट्रपति होने का ठप्पा है और उनके कार्यकाल में प्रदर्शन, कोविड महामारी से निपटने में विफलता एवं बढ़ती महंगाई पर काबू पाने की दिशा में उनकी सरकार पर उदासीनता के आरोप लगे हैं , वहीं सुश्री ली पेन पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ गहरे संबंध होने का आरोप है।
उल्लेखनीय है कि सुश्री ली पेन तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं और चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि इस बार भी वह पराजित होती हैं तो इससे उनके राष्ट्रपति बनने की राह भी समाप्त हो जायेगी।
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