Sweden Quran Burning
Sweden Quran Burning Akash Dewani - RE
यूरोप

कौन है Rasmus Paludan? क्यों जलाई इसने कुरान? जानिए पूरा प्रकरण..

Akash Dewani

राज एक्सप्रेस। कुरान इस्लाम की पवित्र पुस्तक है। कुरान में लिखा हर शब्द मुस्लिम समाज द्वारा अल्लाह का शब्द माना जाता है। इसे पैगंबर मुहम्मद के माध्यम से ईश्वर के शाब्दिक शब्द माना जाता है। लेकिन एक हफ्ते पहले अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर एक व्यक्ति जिसका नाम रसमुस पालूदान है, उसने स्वीडन देश की राजधानी में स्थित तुर्की देश की दूतावास के सामने कुरान को जला दिया था। जिसके बाद से स्वीडन सहित अन्य देश खास कर इस्लामिक देशों में रसमुस पालूदान और स्वीडन देश के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे है।

इस्लामिक देशों के लोगों द्वारा स्वीडन देश के झंडे जलाए गए है। बता दे कि, जिस दिन कुरान को जलाया गया था उस दिन स्वीडन में तीन अलग-अलग विरोध प्रदर्शन चल रहे थे। एक तुर्की देश के खिलाफ जिसमे कुरान को जलाया गया, दूसरा कुर्दिश लोगो के समर्थन में और तीसरा स्वीडन देश को नाटो (NATO) का हिस्सा बनने के विरोध में। ऐसा क्यों हुआ? क्यों जलाई गई कुरान? क्यों यूरोप देश में सबसे ज्यादा जलाई जाती है कुरान? कौन है रसमुस पालूदान? क्यों ये मुद्दा जुड़ा है रूस–यूक्रेन युद्ध से? और सबसे बड़ा सवाल की क्या है इसके पीछे की राजनीति?

क्यों जलाई गई रसमुस पालूदान ने कुरान?

स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के बाहर 21 जनवरी को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान रसमुस पालूदान ने कुरान की एक प्रति जलाई थी। रसमुस पालूदान एक डेनिश-स्वीडिश राजनेता, वकील और अति-दक्षिणपंथी चरमपंथी है। वह दूर-दराज़ डेनिश राजनीतिक दल स्ट्रैम कुर्स यानी हार्ड लाइन के नेता हैं, जिसकी स्थापना उन्होंने 2017 में की थी। पालूदान 2017 में ही मुस्लिम समाज और इस्लाम धर्म के ऊपर यूट्यूब में आपत्तिजनक टिपण्णी करने के बाद मशहूर हुए थे।

पालुदान मुस्लिम समाज और इस्लाम के कट्टर विरोधी माने जाते है, उन्होंने कुरान जलाने से पहले कुरान की किताब के साथ आपत्तिजनक व्यवहार किया था। पालुदान खुद को अभिव्यक्ति की आजादी के सबसे बड़ा नेता मानते है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि कुरान जलाने और तुर्की के दूतावास के बाहर प्रदर्शन करने की अनुमति खुद स्वीडन की सरकार ने उन्हें दी थी, जबकि पालूदान स्वीडन सरकार की विपक्षी पार्टी के सदस्य हैं।

कुरान जलाए जाने के बाद स्वीडिश सरकार की प्रतिक्रिया

स्वीडन ने स्टॉकहोम में एक स्वीडिश-डेनिश दक्षिणपंथी चरमपंथी द्वारा कुरान की एक प्रति जलाने की आलोचना की है, लेकिन नियोजित कार्य को आगे बढ़ाने की अनुमति देने के अपने फैसले का बचाव किया था। प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टरसन ने अपने एक ट्विटर पोस्ट में कहा, "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का एक मूलभूत हिस्सा है। लेकिन जो कानूनी है वह उचित नहीं है।" कई लोगों के लिए पवित्र पुस्तकों को जलाना एक अत्यंत अपमानजनक कार्य है। मैं उन सभी मुसलमानों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त करना चाहता हूं जो आज स्टॉकहोम में हुआ उससे आहत हैं।

स्वीडिश सरकार ने दी कुरान जलाने की अनुमति

रसमुस पालूदान द्वारा अपने इंस्टाग्राम पेज पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में दावा किया कि उन्हें स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के बाहर 21 जनवरी को दोपहर 1 बजे स्वीडिश पुलिस से कुरान जलाने की अनुमति मिली है। उन्होंने कहा कि कुरान को जलाना "इस्लामवादी एर्दोगन (तुर्की के राष्ट्रपति) के खिलाफ भाषण और आलोचना की स्वतंत्रता का एक बड़ा प्रदर्शन होगा।" पालुदान के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, तुर्की के अधिकारियों ने विरोध को 'घृणित अपराध' और 'उकसावे' बताते हुए निंदा करने के लिए विदेश मंत्रालय में राजदूत स्टाफ़न हेरस्ट्रॉम को तलब किया था। जिसके बाद तुर्की ने स्वीडन के रक्षा मंत्री के तुर्की दौरे को रद्द कर दिया है और इसके साथ ही स्वीडन को नाटो का सदस्य बनने की सहमति देने से भी इंकार कर दिया हैं।

दुनियाभर के इस्लामिक देशों में विरोध

कुरान जलाने के बाद रसमुस पालूदान और स्वीडन के खिलाफ उग्र आक्रोश और विरोध देखने को मिला। इस्तांबुल, यमन, इराक, जोर्डन, तुर्की, सऊदी अरब समेत कई इस्लामिक देशों में स्वीडन के झंडे को जलाया गया था। स्वीडन की कंपनियों का बॉयकॉट भी किया गया था। यमन और जॉर्डन में हजारों की संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे थे। स्वीडन के अंदर भी स्वीडन के झंडे को विरोध के तौर पर जलाया गया था। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने इस घटना को लेकर कहा था कि यह घटना बार-बार चेतावनी देने के बाद हुई। 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' की आड़ में मुसलमानों को निशाना बनाने और हमारे पवित्र मूल्यों का अपमान करने वाले इस इस्लाम विरोधी कृत्य की अनुमति देना पूरी तरह से अस्वीकार्य है।' यही नहीं प्रदर्शनकारियों ने रसमुस पालूदान के पोस्टर्स को भी जलाया और पालूदान पर सख्त कार्यवाही करने की मांग भी की थी।

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