ईरान में हर छह घंटे में दी जा रही फांसी की सजा
ईरान में हर छह घंटे में दी जा रही फांसी की सजा Syed Dabeer Hussain - RE
एशिया

ईरान में हर छह घंटे में दी जा रही फांसी की सजा, जानिए क्या है पूरा मामला?

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। दुनियाभर में मौत की सजा को लेकर अक्सर ही बहस होती रहती है। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि मौत की सजा देकर किसी के भी जीने का अधिकार नहीं छीना जाना चाहिए। हालांकि इसके बावजूद दुनिया के ज्यादातर देशों में मौत की सजा का प्रावधान है। कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां मौत की सजा के बड़े सख्त प्रावधान है। ईरान इन देशों की सूची में सबसे आगे हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा मौत की सजा देने के मामले ईरान से ही सामने आते हैं। यहां हर छह घंटे में एक व्यक्ति को फांसी की सजा दी जाती है। तो चलिए जानते हैं कि ईरान में आखिर ऐसा क्यों होता है।

इस साल 194 लोगों को फांसी

मानवाधिकार संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में ईरान में अब तक 194 लोगों को फांसी दी जा चुकी है। बीते 12 दिनों के भीतर ही 64 लोगों को फांसी पर लटका दिया गया है। इनमें से ज्यादातर लोगों को ड्रग्स के आरोपों के चलते यह सजा दी गई है। खास बात यह है कि कई मामलों में तो बिना जाँच के ही फांसी की सजा दी जा रही है। इस तरह से देखा जाए तो यहां एक दिन में औसतन 4 से 5 और हर छह घंटे में एक व्यक्ति को फांसी की सजा दी जा रही है। वहीं पिछले साल ईरान में करीब 600 लोगों को फांसी की सजा दी गई थी।

क्या है कारण?

ड्रग्स :

दरअसल ईरान में शरिया कानून है और वह इसका कड़ाई से पालन करता है। यहां सबसे अधिक फांसी की सजा ड्रग्स के मामलों में दी जाती है। पिछले साल ईरान में 44 प्रतिशत फांसी ड्रग्स केस में दी गई थी।

दोहरी नागरिकता :

कुछ दिनों पहले ईरान में ईरान और स्वीडन की दोहरी नागरिकता वाले एक व्यक्ति को फांसी पर लटकाया गया था। ईरान में बड़ी संख्या में उन लोगों को मौत की सजा दी जा रही है, जिनके पास दोहरी नागरिकता है।

एंटी हिजाब प्रोटेस्ट :

इसके अलावा ईरान की सरकार अपनी पकड़ मजबूत करने और लोगों में भय पैदा करने के लिए भी लोगों को फांसी पर लटका रही है। पिछले साल हुए एंटी हिजाब प्रोटेस्ट के दौरान भी कई लोगों को फांसी की सजा दी गई थी।

ईशनिंदा :

ईरान में ईशनिंदा के दोषी को भी फांसी की सजा दिए जाने का प्रावधान है। हाल ही में ईशनिंदा के तहत दोषी पाए गए 2 लोगों यूसेफ मेहरदाद और सद्रोला फाजेली को वहां फांसी पर लटका दिया गया था। ईरान में धर्म की आलोचना, इस्लाम धर्म, पैगंबर या कुरान का अपमान करने पर फांसी की सजा दी जाती है।

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