Saadat Hasan Manto Birth Anniversary
Saadat Hasan Manto Birth Anniversary Syed Dabeer Hussain - RE
एशिया

मंटो जयंती : इतिहास के सबसे बदनाम लेखक की इन पांच कहानियों पर हुआ खूब बवाल

Vishwabandhu Pandey

Saadat Hasan Manto Birth Anniversary : सआदत हसन मंटो एक ऐसे उर्दू लेखक का नाम है, जो दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे जाने वाले लेखकों में से एक रहे। पाकिस्तान के रहने वाले मंटो अपने देश से ज्यादा हिंदुस्तान में मशहूर थे। हालांकि मंटो पर ताउम्र अश्लील लेख लिखने के आरोप लगे। उनकी कई रचनाओं पर पाबंदी भी लगाई गई। अगर मंटो को इतिहास का सबसे बदनाम लेखक कहा जाए तो यह भी गलत नहीं होगा। आज उसी बदनाम लेखक सआदत हसन मंटो की जयंती है। तो चलिए आज मंटो के जन्मदिन पर उनकी पांच ऐसी रचनाओं के बारे में जानेंगे, जिनको लेकर खासा विवाद हुआ।

ठंडा गोश्त

जब भी मंटो की सबसे चर्चित और बदनाम रचना का जिक्र होता है तो उसमे सबसे पहला नाम ‘ठंडा गोश्त’ का आता है। यह कहानी मुसलमानों, हिंदुओं और सिखों के बीच लड़ाई पर आधारित थी। इस कहानी का मुख्य पात्र ईश्वर एक लाश के साथ बलात्कार करता है। जब इस बात का पता उसकी पत्नी को चलता है तो वह ईश्वर की हत्या कर देती है। मंटो की इस रचना पर पाकिस्तान में खूब बवाल मचा था। पाकिस्तान में ना सिर्फ उनकी रचना पर बैन लगा दिया गया था बल्कि मंटो पर अश्लीलता फैलाने के आरोप में केस भी चला था।

काली सलवार

सआदत हसन मंटो की एक और विवादित रचना है काली सलवार। दरअसल यह कहानी एक छोटे शहर की वेश्या पर आधारित है। मंटो ने अपनी कहानी में जिस्म की भूख पर खुलकर बात की है। उनकी इस रचना पर भी खूब विवाद हुआ था।

खोल दो

भारत और पाकिस्तान के दर्दनाक बंटवारे को मंटो ने अपनी ‘खोल दो’ के जरिए दुनिया के सामने रखा था। इस कहानी में बताया गया है कि कैसे एक लड़की का सामूहिक बलात्कार किया जाता है। जब उस लड़की को बदहवास हालात में डॉक्टर के पास ले जाया जाता है तो डॉक्टर द्वारा ‘खोल दो’ बोलने पर लड़की अपनी सलवार खोल देती है।

टोबा टेक सिंह

सआदत हसन मंटो की कहानी 'टोबा टेक सिंह' 1955 में प्रकाशित हुई थी। यह कहानी भारत के विभाजन के समय लाहौर के एक पागलखाने के पागलों पर आधारित है। इस कहानी में बताया गया है कि कैसे विभाजन के बाद भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने एक दूसरे के पागलों की अदला-बदली की। कहानी के मुख्यपात्र बिशन सिंह को सिख होने के चलते भारत भेजा जाता है। आखिर में वह दोनों देशों की सीमा पर कंटीली तारों के बीच मारा हुआ पाया जाता है।

बू

दरअसल मंटो की यह कहानी एक कच्ची उम्र की लड़की के जिस्म से पैदा होने वाली बू पर आधारित है। इस कहानी में मंटो ने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया है, जिसे उस दौर में अश्लील और बोल्ड माना जाता था।

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