सऊदी अरब की पाकिस्तान को फटकार
सऊदी अरब की पाकिस्तान को फटकार Akash Dewani - RE
एशिया

सऊदी अरब की पाकिस्तान को फटकार- पैसे मिलेंगे लेकिन शर्तों की तर्ज पर

Akash Dewani

राज एक्सप्रेस। सऊदी अरब और पाकिस्तान के रिश्ते कई सालों से काफी अच्छे माने जाते हैं। सऊदी अरब यानी सऊदी राजवंश पाकिस्तान की हर स्थिति में सालो साल मदद करता आया हैं। सऊदी अरब, पाकिस्तान के भारत से अलग होने के बाद से ही उसका सबसे बड़ा दोस्त बना रहा है। लेकिन इस दोस्ती में अब शर्तों का आना शुरू होता दिखाई दे रहा हैं। सऊदी अरब के वित्तीय मंत्री मोहम्मद अल जादान ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम में कहा कि-

सऊदी अरब, वर्ल्ड बैंक और अन्य संस्थानों से बात कर रहा है कि पाकिस्तान को प्रदान की जाने वाले सहायक अनुदान पर और अधिक रचनात्मक कैसे हुआ जा सकता हैं।
मोहम्मद अल जादान

सऊदी बदल रहा है सहायक अनुदान देने की नीति :

वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम में बोलते हुए मोहम्मद अल जादान ने यह संकेत दिया कि सऊदी राजवंश जिस तरह से सहयोगियों को सहायता प्रदान करता है, उसे अब बदला जा रहा है। पहले सीधे अनुदान देने और बिना शर्त जमा करने से हटकर अब हम इसे बदल रहे हैं। हम वास्तव में यह कहने के लिए बहुपक्षीय संस्थानों के साथ काम कर रहे हैं कि हमें सुधार देखने की जरूरत है। हम अपने लोगों पर कर लगा रहे हैं, हम दूसरों से भी ऐसा ही करने की उम्मीद कर रहे हैं, अपने प्रयास करने के लिए। हम मदद करना चाहते हैं लेकिन हम चाहते हैं कि आप भी अपनी भूमिका निभाएं।”

10 अरब डॉलर तक बढ़ाया जाएगा पाकिस्तान में इन्वेस्टमेंट :

सऊदी अरब की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जनवरी महीने के शुरूआत में सऊदी अरब ने कहा था कि वह नकदी तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान पर अब 1 बिलियन डॉलर की जगह 10 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा और इसके साथ ही पाकिस्तान सेंट्रल बैंक में जमा राशि को 5 अरब डॉलर तक बढ़ाया जाएगा। सऊदी अरब ने पिछले साल अगस्त के महीने, पाकिस्तान में 1 अरब डॉलर के निवेश की बात कही थी।

पाकिस्तान में आर्थिक संकट :

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती ही जा रही है, जिसकी वजह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और आर्मी प्रमुख आसिम मुनीर ने सऊदी अरब से आर्थिक मदद की गुहार लगाई थी। पाकिस्तान के पूर्व वित्तीय मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा था कि-

पाकिस्तान पर दुनिया का 100 अरब डॉलर कर्ज है जिसे 2023 सहित आने वाले 4 सालो में चुकाना है और इस साल पाकिस्तान को 21 अरब डॉलर कर कर्ज चुकाना हैं।
मिफ्ताह इस्माइल

पाकिस्तान हर बार सऊदी अरब से पैसे लेकर डिफॉल्ट होने के स्थिति से बच जा रहा हैं। तंगी का आलम कुछ इस तरह है कि पाकिस्तान में 9 सालो में सबसे कम विदेशी मुद्रा बची हुई है, जो कि महज़ 4.3 अरब डॉलर है। आर्थिक जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान की यह स्थिति 1971 की स्थिति से भी भयावह है l

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