china go back from lac by India reaction
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भारत के उठाए इन कदमों से घबरा कर चाइना ने हटाए अपने कदम पीछे

Author : Kavita Singh Rathore

भारत-चीन। बीते कई दिनों से चल रहे चीन-भारत के विवाद ने अब फाइनल रुख ले लिया है। चीन द्वारा अपने कदम लद्दाख की सीमा से 2 किलोमीटर पीछे हटाने के साथ फिलहाल यह मुद्दा शांत होता नजर आ रहा है। दरअसल, ये मामला चाइना से सटी भारत की सीमा से शुरू हुआ था। हालांकि, चाइना ने सिक्किम के बॉर्डर पर तैनात की सेना को अभी पीछे हटने के आदेश नहीं दिए हैं और सिक्किम से लगी सीमा पर भारत और चीन की सेना तैनात है।

क्या है मामला :

दरअसल, चाइना ने यह मामला लद्दाख के बॉर्डर से लगे हुए पेंगगोंग के पास सड़क को लेकर शुरू किया था चीन की सेना अचानक ही अपने तम्बू लगा कर रहने लगी इन हालातों को देखते हुए भारत की सेना ने भी इस एक्शन पर रिएक्शन देते हुए अपने तम्बू वहीं लगा कर तैनात हो गए। यह मुद्दा लगभग 20 दिन से तुल्य पकड़ा हुआ था और विवाद दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा था। परन्तु अचानक ही चाइना की सेना ने अपने कदम 2 किलोमीटर पीछे करते हुए लद्दाख के बॉर्डर से अपनी सेना को हटा लिया है, लेकिन भारत की सीमा पर भारतीय जवान तैनात है। इन 20 दिनों के दौरान दोनों देशों के बीच पथराव, गालीगलौच, धक्कामुक्की होने जैसी खबरें भी सामने आई। हालांकि, इन घटनाओं से दोनों ही सेनाओं के जवानों को कोई हानि नहीं पहुंची।

सड़क मुद्दा बदला रनवे के मुद्दे में :

जहां, चाइना इस बॉर्डर पर सड़क बनाने पर विचार कर रहा था वहीं, अब भारत की मोदी सरकार ने उस जगह भारत की सीमा में रनवे बनाने की घोषणा कर दी है। इतना ही नहीं लद्दाख में LAC पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच चल रहे तनाव के बीच भारतीय वायु सेना (IAF) ने दक्षिण कश्मीर के बिजबेहारा क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग NH-44 से सटे 3-5 किलोमीटर लंबे रनवे का निर्माण शुरू कर दिया है। इस रनवे को बनाने का मकसद आपातकालीन स्थिति में फाइटर जेट के लिए किया जाएगा। यह आपातकालीन रनवे कश्मीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

भारत सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों से घबराया चाइना :

चीन की तरफ से कुछ तस्वीरें सामने आई थी जिसमें रात के अंधेरे में चीन की सेना युद्ध की तैयारियों में जुटी थी। परंतु अचानक चाइना की सेना द्वारा पीछे हटाए कदमों के पीछे PM मोदी की कई रणनीति है। इसमें भारत सरकार द्वारा उठाये कई कदम शामिल है।

अमेरिका का दखल :

जैसा की सबको पता है कि इन दिनों अमेरिका देश चीन का सबसे बड़ा दुश्मन बना हुआ है और इसी का फायदा उठाते हुए PM मोदी ने ऐसे समय में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत की , जबकि, चीन को भारत के साथ चल रहे विवाद में अमेरिका का दखल बिल्कुल पसंद नहीं है। इसी मामले में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान सामने आया था। उनका कहना था कि, सीमा पर अब स्थिति नियंत्रण में है। चीन और भारत के पास ऐसी समस्या को सुलझाने के लिए कई तरीके हैं। हम इसे बातचीत से हल कर सकते हैं और इसके लिए हमें किसी तीसरे की आवश्यकता नहीं है।

चीन को दिया करारा जवाब :

चीन द्वारा लद्दाख में LAC के पास अपनी सेना को तैनात करके लगातार उनकी ताकत बढ़ा रहा था। तब ही भारत द्वारा उचित कदम उठाते हुए तुरंत कार्रवाई की और भारत की सीमा पर 5 हजार सैनिकों की तैनाती की। भारत सरकार ने चीन को साफ कर दिया कि, अगर यह मामला बातचीत से नहीं सुलझा तो हमारी तरफ से दूसरे विकल्प भी तैयार हैं। किसी भी हाल में भारत झुकने वाला नहीं है।

चीन को उम्मीद पर फेरा पानी :

चीन लद्दाख की सीमा से लगातार आगे बढ़ने की फिराक में नजर आरहा था, तब भारत चीन का डटकर सामना किया। चीन उम्मीद कर रहा था कि, भारत पर लगातार दबाव बनाने से भारत अपना LAC पर निर्माण कार्य रोक लेगा, लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि ना तो भारत यह कोई काम रोकेगा और ना ही किसी तरह के दबाव में आके घुटने टेकेगा। इस तरह भारत ने चीन की उम्मीद पर पानी फेर दिया।

लीड फ्रॉम द फ्रंट की मिसाल बने मोदी :

चीन की तरफ से बाद रहे तनाव के बीच PM मोदी खुद आगे आ कर उन्होंने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग कर हालातों पर बात की। इस तरह PM मोदी लीड फ्रॉम द फ्रंट की मिसाल बने। इतना ही नहीं PM मोदी ने अपनी चीन की सीमा पर अपनी डोकलाम टीम को लगाया, जिसने डोकलाम के वक्त विवाद को हल किया था।

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