Nancy Pelosi Taiwan Visit
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Nancy Pelosi Taiwan Visit : नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से भड़ककर चीन ने दे डाली US को धमकी

Kavita Singh Rathore

चीन, दुनिया। अमेरिका और चीन की दुश्मनी के चर्चे जगत चर्चित है। वहीं, एक बार फिर दोनों देशों के बीच खिटपिट होती नज़र आ रही है। यह खिटपिट ताइवान (Taiwan) के मुद्दे को लेकर चल रही है। इतना ही नहीं चीन की धमकी पर अमेरिका अब युद्ध की तैयारियों पर उतर आया है। ये मामला अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) की आज से होने वाली ताइवान यात्रा का लेकर बताया जा रहा है। जो अब मामले से मुद्दा बन चुका है।

क्या ममला बना बड़ा मुद्दा ?

दरअसल, चीन का मानना है कि, ताइवान उसका स्वशासित क्षेत्र है। यही कारण है कि, चीन ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा का विरोध प्रकट किया है। हालांकि, बीते 25 सालों में ऐसा पहली बार होगा कि, कोई शीर्ष अमेरिकी अधिकारीा ताइवान की यात्रा पर पहुंचा हो। जो कि, स्पीकर नैंसी पेलोसी हैं। हालांकि, उनकी यह यात्रा चीन को फूटी आंख नहीं सुहा रही है और इसी गुस्से के चलते चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खुद ही पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को फोन पर धमकी दे डाली है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि, अमेरिका इसके अप्रत्याशित अंजाम अच्छे नहीं होंगे।

चीनी विदेश मंत्रालय ने दी धमकी :

चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर आज फिर धमकी दी गई है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि, 'हम अमेरिका को फिर चेतावनी देते हैं कि, यदि पेलोसी ताइवान पहुंचीं तो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी चुपचाप नहीं बैठेगी। हमारी स्थिति स्पष्ट है। हमने अमेरिका को कड़ा विरोध पत्र भेजा है। हम स्पीकर नैन्सी पेलोसी के यात्रा कार्यक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। अगर अमेरिका गलत रास्ते पर अड़िग रहा तो हम अपनी संप्रभुता और सुरक्षा की खातिर कड़े कदम उठाएंगे।'

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार :

इस मामले में सामने आई एक अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 'चीन द्वारा दो बार दी जा चुकी धमकियों के बाद भी पेलोसी अधिकारियों के साथ ताइवान यात्रा पर जाने को तैयार है।' बता दें, पेलोसी इन दिनों चार एशियाई देशों की यात्रा कर रही हैं। इस यात्रा की शुरुआत उन्होंने सिंगापुर से की थी। वहीं, मंगलवार की शाम वे ताइपे पहुंची। पेलोसी यह यात्रा एक सैन्य विमान C-40C के द्वारा कर रही है और वह वॉशिंगटन से रवाना हुई थी।

नैंसी पेलोसी के कार्यालय का कहना :

नैंसी पेलोसी के कार्यालय द्वारा 31 जुलाई को एक बयान जारी कर कहा गया था कि, 'अमेरिका की हाउस स्पीकर सिंगापुर, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान की यात्राओं सहित हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही हैं। हालांकि, इस बयान में ताइवान का जिक्र नहीं था।' खबरों की माने तो आज पेलोसी ने ताइवान में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। हालांकि , इस बारे में कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। इसके अलावा कल वह वापिस रवाना हो जाएंगी। हालांकि, पेलोसी ताइवान आने से पहले ही वह जिनसे मिलने वाली है उन्हें सूचना दे दी है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा था कि, 'वह निश्चित रूप से आ रही हैं। उधर, ताइवान के समीप तैनात एक अमेरिकी रक्षा पोत ने पेलोसी के विमान की ताइपे में सुरक्षित लैंडिंग की तैयारी कर ली है। उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।'

जॉन किर्बी का कहना :

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा समन्वयक जॉन किर्बी ने सोमवार को देश के निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी की यात्रा को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब देते हुए बताया था कि, 'ताइवान यात्रा पर जाने का फैसला स्पीकर का है। हम उनकी यात्रा के ठहराव के बारे में कोई टिप्पणी या अटकलें नहीं लगाएंगे। उन्हें ताइवान जाने का अधिकार है।' उधर इस पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने पिछले महीने भी एक प्रेस वार्ता में कहा था कि, 'पेलोसी की ताइवान यात्रा का चीन-अमेरिकी संबंधों पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। चीन ने पहले भी कई मौकों पर अमेरिका और ताइवान के बीच किसी भी प्रकार की आधिकारिक बातचीत पर कड़ा विरोध जताया है।'

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