चीन ने गुटबाजी करार देते हुए जी-7 के सदस्य देशों को खुलेआम दी यह चेतावनी
चीन ने गुटबाजी करार देते हुए जी-7 के सदस्य देशों को खुलेआम दी यह चेतावनी Andrey Rudakov
दुनिया

चीन ने गुटबाजी करार देते हुए जी-7 के सदस्य देशों को खुलेआम दी यह चेतावनी

Author : Priyanka Sahu

चीन। दक्षिण पश्चिम इंग्लैंड के कार्बिस बे में ग्रुप ऑफ सेवन (G-7) शुक्रवार को शुरू हो चुका है, जो आज रविवार को संपन्न होगा। इस बीच दुनिया के 7 सबसे बड़े अर्थव्यवस्था वाले देशों के शिखर सम्मेलन जी-7 की हुंकार से चीन इस कदर घबराया कि, चीन ने जी-7 के सदस्य देशों को खुलेआम यह चेतावनी दे दी।

इन देशों के नेताओं को चेताते हुए चीन ने कहा :

दरअसल, चीन ने जी-7 के इस समूह को अपने खिलाफ गुटबाजी करार देते हुए रविवार को धमकी भरे अंदाज में ग्रुप ऑफ सेवन कहे जाने वाले इन देशों के नेताओं को साफ तौर पर चेताते हुए ये बात कही कि, ''वह दौर काफी पहले ही खत्म हो चुका जब कुछ देशों के 'छोटे समूह' दुनिया की तकदीर का फैसला किया करते थे।''

चीनी दूतावास के प्रवक्ता का बयान :

लंदन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता की ओर से ये बायान दिया गया- वह समय काफी पहले बीत गया, जब देशों के छोटे समूह वैश्विक फैसले लिया करते थे। हम हमेशा यह मानते हैं कि, देश बड़ा हो या छोटा, मजबूत हो या कमजोर, गरीब हो या अमीर सभी बराबर हैं और दुनिया से जुड़े मुद्दों पर सभी देशों के सलाह-मशविरे के बाद भी फैसला लिया जाना चाहिए।

जी-7 देशों में यह देश हुए शामिल :

जानकारी के लिए बताते चलें कि, दक्षिण पश्चिम इंग्लैंड के कार्बिस बे में हुए जी-7 सम्मेलन में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। जी-7 समूह के नेताओं ने विकासशील देशों को ऐसे बुनियादी ढांचे की स्कीम का हिस्सा बनने का प्रस्ताव देने की योजना बना रहे हैं, जो चीन की अरबों-खरबों डॉलर वाली बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को टक्कर दे सके, लेकिन फिलहाल इस पर सहमति नहीं बन पाई है कि, मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चीन को किस तरह रोका जाए।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने जी-7 शिखर सम्मेलन में लोकतांत्रिक देशों पर बंधुआ मजदूरी प्रथाओं को लेकर चीन के बहिष्कार का दबाव बनाने की योजना तैयार की है। तो वहीं, बीते शनिवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने चीन को लेकर हुई चर्चा की अगुवाई करते हुए उन्होंने सभी नेताओं से अपील की है कि, ''वे चीन की ओर से बढ़ते खतरे को रोकने के लिए संयुक्त कदम उठाएं।''

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