तुर्की और सीरिया में भूकंप का कहर
तुर्की और सीरिया में भूकंप का कहर  Social Media
मिडिल ईस्ट

थम नहीं रहा है तुर्की और सीरिया में भूकंप का कहर- 4300 से ज्यादा मौतें, 24 घंटे में 4 बार कांपी धरती,

Akash Dewani

राज एक्सप्रेस। तुर्की और सीरिया में भूकंप का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। 24 घंटे के अंदर आए भूकंप के 4 झटकों से 4300 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर आ रही हैं। सैकड़ों घायल हुए है। मरने वालों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद लगाई जा रही हैं। सीरिया के अलेप्पो और हमा शहर में भी काफी नुकसान हुआ है। तुर्की में 2921 लोग मारे गए हैं, जबकि सीरिया में मरने वालों की संख्या 1444 है। WHO का कहना है कि मौत का अकड़ा 20 हज़ार को भी छू सकता हैं l

सीरिया में तुर्की से सटे इलाकों में कई इमारतें गिर गईं और इसकी राजधानी दमिश्क में भी भूकंप के झटकों के बाद लोग सड़कों पर आ गए। झटके सीरिया, लेबनान, साइप्रस, ग्रीस और इस्राइल में भी महसूस किए गए। बचावकर्मी और स्थानीय निवासी सीमा के दोनों किनारों पर कई शहरों में इमारतों के मलबे के नीचे जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं। तुर्की की सरकार ने आपदा की स्थिति घोषित करते हुए राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की हैं।

तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा:

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने ट्विटर पर कहा कि भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में "खोज और बचाव दलों को तुरंत भेजा गया"। उन्होंने लिखा, "हमें उम्मीद है कि हम इस आपदा को एक साथ जल्द से जल्द और कम से कम नुकसान के साथ पार कर लेंगे।"

पीएम मोदी ने दुख व्यक्त किया :

"तुर्की में भूकंप के कारण जनहानि और संपत्ति के नुकसान से व्यथित, शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायल जल्द स्वस्थ हों। भारत तुर्की के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और इस त्रासदी से निपटने के लिए हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।"

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा :

"मुझे तुर्की और सीरिया में आए भूकंप से हुई जनहानि और तबाही से गहरा दुख हुआ है। मैंने अपनी टीम को निर्देश दिया है कि वह तुर्किए के साथ समन्वय में स्थिति की बारीकी से निगरानी करना जारी रखे और किसी भी और सभी आवश्यक सहायता प्रदान करे।"

तुर्की के आंतरिक मंत्री ने कहा:

तुर्की के आंतरिक मंत्री सुलेमान सोयलू ने कहा कि भूकंप के कम से कम 20 झटके महसूस किए गए और उन्होंने लोगों से जोखिम के कारण क्षतिग्रस्त इमारतों में प्रवेश नहीं करने का आग्रह किया। झटके सीरिया, लेबनान, साइप्रस, ग्रीस और इस्राइल में भी महसूस किए गए।

तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने कहा:

तुर्की सशस्त्र बलों ने दक्षिणी तुर्की में बड़े भूकंप से प्रभावित क्षेत्र तक पहुंचने के लिए खोज और बचाव दल को सक्षम करने के लिए एक हवाई गलियारा स्थापित किया है।हमने अपने विमानों को चिकित्सा दल, खोज और बचाव दल और उनके वाहनों को भूकंप क्षेत्र में भेजने के लिए भेजा।"

भूकंप प्रभावित क्षेत्र है तुर्की :

तुर्की दुनिया के उन देशों में आता है, जहाँ बार-बार भूकंप आता है। बताया जाता है कि तुर्की का ज्यादातर हिस्सा एनाटोलियन प्लेट पर है। इस प्लेट के पूर्व में ईस्ट एनाटोलियन फॉल्ट है और बाईं तरफ ट्रांसफॉर्म फॉल्ट है, जो अरेबियन प्लेट के साथ जुड़ता है। तुर्की के नीचे मौजूद एनाटोलियन टेक्टोनिक प्लेट एंटीक्लॉकवाइज घूम रहा है। साथ ही इसे अरेबियन प्लेट धक्का दे रही है। घूमती हुई एनाटोलियन प्लेट को जब अरेबियन प्लेट धक्का देती है, तब यह यूरेशियन प्लेट से टकराती है। इसकी वजह से भूकंप के तगड़े झटके लगते हैं।

भारत भेजेगा मदद :

भारत सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की खोज और बचाव दल, चिकित्सा दल और राहत सामग्री को तुरंत भूकंप प्रभावित तुर्की में भेजने का निर्णय लिया है। विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वायड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं। प्रशिक्षित डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के साथ मेडिकल टीमें बनाई जा रही हैं। वे जरूरी दवाएं साथ रखेंगे। पीएम मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है।

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