किम जोंग के सामने हुई नॉर्थ कोरिया की सबसे बड़ी मिसाइल परेड
किम जोंग के सामने हुई नॉर्थ कोरिया की सबसे बड़ी मिसाइल परेड सोशल मीडिया
दुनिया

किम जोंग के सामने हुई नॉर्थ कोरिया की सबसे बड़ी मिसाइल परेड, हुआ ICBM का प्रदर्शन

Kavita Singh Rathore

नॉर्थ कोरिया, दुनिया। बुधवार को नॉर्थ कोरिया की सेना की 75वीं सालगिरह थी। इस मौके को और धूमधाम से बनाने के लिए नॉर्थ कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में सैन्य परेड का भव्य आयोजन किया गया था। इस मौके पर तानाशाह किम जोंग भी मौजूद रहे। राजधानी प्योंगयांग में लगभग 1 दर्जन इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) को प्रस्तुत किया गया। साथ ही सॉलिड-फ्यूल मिसाइल का प्रोटोटाइप भी नजर आया। इस परेड की शुरुआत प्योंगयांग के किम इल सुंग स्क्वायर से शुरू हुई। इस दौरान तानाशाह किम जोंग के साथ उनकी पत्नी और बेटी भी साथ नजर आईं।

परेड का मुख्य उद्देश्य :

दरअसल, नॉर्थ कोरियन मीडिया द्वारा परेड की फोटोज जारी किये हैं। इस परेड से दक्षिण कोरिया पूरे वर्ल्ड को यह संदेश देना चाहता है कि, कोई भी उससे उलझने की कोशिश करेगा तो ये सारे मिसाइल का इस्तेमाल कर सकता है। इस परेड में मिसाइल प्रदर्शन का मुख्य कारण ही यही है। किम जोंग अमेरिका और यूरोपिन देशों को खुली धमकी देता है और वह इस मिसाइल को यूज करने में कभी भी नहीं सोचेगा। यदि उसे खुद पे खतरा लगा तो वह किसी भी देश के खिलाफ इनका इस्तेमाल कर सकता है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया की सरकार के तख्तापलट के लिए डबल क्रॉस साजिश रची है। इसके तहत उत्तर कोरिया के जासूसों को घुसपैठिया बना कर दक्षिण कोरिया में भेजा जाता है। उन्होंने इस परेड के माध्यम से न्यूक्लियर अटैक की क्षमता का सबूत दिया है।

उत्तर कोरियाई जासूस की साजिश :

उत्तर कोरियाई जासूस एक साजिश के तहत खुद को घुसपैठिया, शरणार्थी अथवा किम का विरोधी बताकर खुद को गिरफ्तार कराते हैं। दक्षिण कोरियाई जेलों में कैद होने पर वे वहां से नेटवर्क चलाते हैं। नॉर्थ कोरिया की सबसे बड़ी मिसाइल इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) हैं जो, दुनिया में कहीं भी न्यूक्लियर हमला कर सकती हैं। परेड में नई सॉलिड-फ्यूल ICBM के प्रोटोटाइप भी देखने को मिले। इसके अलावा नॉर्थ कोरियन मीडिया द्वारा परेड की जो फोटो शेयर की गई हैं, उनमें 11 ह्वासोंग-17 मिसाइलें भी दिख रही हैं।

लिक्विड फ्यूल का इस्तेमाल :

बता दें कि, दुनियाभर के कई देशों में बड़ी बैलिस्टिक मिसाइलों में लिक्विड फ्यूल का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि, ऐसा करने से मिसाइल लॉन्च में ज्यादा समय लगता है। जबकि, सॉलिड फ्यूल की मदद से मिसाइल को ज्यादा मोबिलिटी मिल जाती है जिससे लॉन्चिंग में समय कम लगता है।

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