Kulbhushan Jadhav Case
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कुलभूषण जाधव मामले में पाक ने शर्तों पर दी राजनयिक पहुंच की मंजूरी

Author : Kavita Singh Rathore

Kulbhushan Jadhav Case: साल 2016 से पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव के मामले में भारत ने पाकिस्तान सरकार से अपील की थी कि, वे बिना कोई शर्त रखे जेल में कैद भारतीय नागरिक और पूर्व नौ सेना अधिकारी कुलभूषण जाधव से बात करने का एक मौका दे। साथ भारत ने इस मामले में कानून की मदद ली थी। वहीं इस मामले में अब पाकिस्तान ने राजनयिक पहुंच की मंजूरी दे दी है।

मौत की सजा के खिलाफ अपील :

दरअसल, पाकिस्तान का कहना है कि, सैन्य अदालत से कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई गई थी। उसके बाद पाक के अनुसार, जाधव ने पुनर्विचार याचिका दायर करने से इनकार कर दिया है। परतुं बाद में भारत के सख्त रुख को देखते हुए अपनी हरकतों से बाज न आने वाला पाक अपने बयानों से पलट गया। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के सभी दावों को खारिज करते हुए जाधव तक बिना शर्त राजनयिक पहुंच की मांग की है। साथ ही भारत ने जाधव से अकेले में मिलने की मांग की है। इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जाधव को मौत की सजा के खिलाफ अपील करने की अनुमति दे दी।

भारत की मांग :

बता दें, विदेश मंत्रालय के आदेशानुसार,कुलभूषण जाधव के पास मौत की सजा के खिलाफ याचिका दाखिल करने के लिए के लिए 20 जुलाई तक का समय है। वहीं अब पाक अपने मनहूस इरादों के साथ कई शर्ते रख कर भारत को जाधव तक राजनयिक पहुंच की पेशकश की है। लेकिन पाक की इन शर्तों के लिए भारत बिलकुल भी तैयार नहीं है। बताते चलें, भारत ने निम्नलिखित मांग की हैं।

  • भारत ने 2 अधिकारियों को जाधव से मिलने की मांग की है परंतु पाक सिर्फ 1 अधिकारी के लिए अड़ा हुआ है।

  • भारत ने पाक से कहा है कि, जाधव से मुलाकात के दौरान सिर्फ अंग्रेजी में बातचीत करने पर जोर न दिया जाए।

  • भारत की मांग है कि, राजनयिकों से मुलाकात के समय वह कोई भी अधिकारी न रहे। परंतु पाक जाधव से अकेले में बातचीत की अनुमति देने से लगातार इनकार कर रहा है।

  • भारत की मांग है कि, मुलाकात के समय उस कमरे में ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग की कोई भी सुविधा मौजूद नहीं होनी चाहिए। जिससे जाधव बिना डरे अपनी बात कह सकें।

भारत सरकार का कहना :

पाक की शर्तों को देखते हुए भारत सरकार का कहना है कि, इन शर्तों के साथ राजनयिक पहुंच देने का कोई फायदा नहीं है और पाकिस्तान सिर्फ राजनयिक पहुंच देने का दिखावा कर रहा है। ताकि दुनिया को लगे कि वह ICJ के फैसले का पालन कर रहा है। इतना ही नहीं बीते हफ्ते भी पाक ने एक झूठा दावा किया था कि, जाधव रिव्यू पिटिशन दाखिल करने के बजाय दया याचिका दायर करना चाहते हैं। इस पर भारत का कहना है कि, पाक जाधव पर दबाव डालकर उसे ऐसा करने पर मजबूर कर रहा है।

जाधव के बचपन के दोस्त का कहना :

कुलभूषण जाधव के बचपन के दोस्त अरविंद सिंह का कहना है कि, "पिछली बार पाकिस्तान ने कॉन्सुलर ऐक्सेस के नाम जो किया वह जाधव के माता, पिता, पत्नी और यह संपूर्ण भारत के लिए भी अपमानजनक था। इसलिए यह राजनयिक पहुंच बिना शर्त के ही होनी चाहिए।'

क्या है अब तक की कहानी :

पाकिस्तान ने भारत के कुलभूषण जाधव साल 2016 से पाक जेल में बंद हैं। दरअसल पाक ने जाधव पर भारत का एक जासूस होने का आरोप लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, इस मामले भारत इन आरोपों को कई बार ख़ारिज कर चुका है। पाकिस्तानी के सुरक्षा बलों द्वारा कुलभूषण जाधव को 3 मार्च 2016 को जासूसी और आतंकवाद का आरोप लगाते हुए बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था। पाक ने जाघव को मौत की सजा सुनाई थी खिलाफ भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (ICJ) में 2017 को इस मुद्दे को उठाया था। पिछले साल 2019 जुलाई में अदालत ने पाकिस्तान से कहा था कि, वो कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच दे और फांसी की सजा पर दोबारा विचार करें।

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