अमेरिकी सीनेट का हांग कांग में बढ़ रहे तनाव के बीच चीन को झटका
अमेरिकी सीनेट का हांग कांग में बढ़ रहे तनाव के बीच चीन को झटका Social Media
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अमेरिकी सीनेट का हांग कांग में बढ़ रहे तनाव के बीच चीन को तगड़ा झटका

Priyanka Sahu

अमेरिका। भारत के चालबाजी कर रहा चीन को अमेरिकी सीनेट ने तगड़ा झटका दिया है, क्‍योंकि चीन के राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ अमेरिका ने सख्‍त तेवर दिखाते हुए अमेरिकी सीनेट ने हांग कांग की सम्प्रभुता की रक्षा के लिए सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया है।

चीन के खिलाफ ट्रंप प्रशासन की क्षमता मजबूत :

बताया गया है कि, मैरीलैंड के एक डेमोक्रेट सीनेटर क्रिस वान होलेन ने 'हांग कांग स्वायत्तता कानून' बिलपेश किया, जिसे बुधवार को एक रिपब्लिकन सीनेटर ने तकनीकी संशोधनों का हवाला देते हुए रोक दिया था, लेकिन फिर इसी के अगले दिन गुरुवार को इसे सर्वसम्‍मति से पारित कर दिया गया। अब यह कानून हांगकांग के मामले में चीन के खिलाफ ट्रंप प्रशासन की क्षमताओं को और मजबूत करेगा।

इतना ही नहीं यह विधेयक बीजिंग द्वारा हांगकांग पर एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून थोपने के खिलाफ सख्‍त कदम होगा। इसके तहत उन बैंकों पर भी प्रतिबंध लगेगा जो कानून का उल्लंघन करने वाली संस्थाओं के साथ व्यापार करते पाए गए। इसमें हांग कांग पर सख्त 'राष्ट्रीय सुरक्षा कानून' लागू करने के लिए जिम्मेदार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस बल को भी निशाना बनाया है, जिसने हांग कांग प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार किए थे।

जानकारी के अनुसार, चीन द्वारा प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार करने और पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी पर और नियंत्रण लगाने जैसी हरकतों के चलते पिछले एक साल से लगातार हांग कांग में बढ़ रहे तनाव के बीच यह कदम उठाया गया है।

मानवीय त्रासदी पैदा होने की आशंका :

वहीं, संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मामलों के पूर्व प्रमुख और अन्य आठ पूर्व विशेष दूतों ने संगठन के महासचिव से बृहस्पतिवार (25 जून) को हांग कांग में एक विशेष दूत नियु्क्त करने की मांग करते हुए कहा कि, बीजिंग द्वारा शहर पर दमनकारी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने की तैयारी को देखते हुए वे वहां ''मानवीय त्रासदी" पैदा होने की आशंका को लेकर चिंतित हैं।

इस दौरान ये बात भी सामने आई है कि, चीन ने अभी हाल ही में हांग कांग में एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया है। 1997 में चीन ने जब हांग कांग को ब्रिटेन के कब्जे से अपने अधिकार में लिया था, तो एक समझौता हुआ था, जिसमें एक देश, दो व्यवस्था का नाम दिया गया था। इस समझौते के तहत 2047 तक हॉंग कॉंग के लिए अलग प्रशासनिक व्यवस्था बनाए रखनी थी, इस व्यवस्था के कारण अमेरिका हांग कांग को स्वायत्त मानता रहा है, लेकिन चीन के नए कानून के बाद हांग कांग की स्वायतत्ता कम होगी, चीन के इस कानून के खिलाफ हांग कांग में जोरदार विरोध प्रदर्शन हो रहा है।

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