I2U2 Summit : पश्चिम एशिया में बनने जा रहा नया क्वाड, क्या है I2U2 ?
I2U2 Summit : पश्चिम एशिया में बनने जा रहा नया क्वाड, क्या है I2U2 ?  Social Media
दुनिया

I2U2 Summit : पश्चिम एशिया में बनने जा रहा नया क्वाड, क्या है I2U2 ?

Author : Kavita Singh Rathore

अमेरिका, दुनिया। अलग-अलग देशों के राष्ट्रपति और प्रधान मंत्रियों के दौरे बहुत आम बात है। इस दौरान कई देशों की बड़ी-बड़ी डील होने की खबर आती रही है। वहीं, अब अमेरिकी राष्ट्रपति 12 से 16 जुलाई के बीच पश्चिम एशिया के दौरे पर है। इस दौरान एक वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा हैं।

वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन :

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन एक वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन करने जा रहे हैं, जिसमें भारत (India), यूएई (UAE) और इसराइल (Israel) देश भी शामिल होंगे। इस बारे में अमेरिका प्रशासन की और से जानकारी देते हुए बताया गया है कि, 'चार देशों के इस नए संगठन का नाम 'I2U2' (ITU) दिया जाएगा। ITU का मतलब I2 इंडिया और इसराइल के लिए हैं। वहीं 'U2' यूएस और यूएई के लिए। इन चारों देशों के विदेश मंत्री अक्टूबर 2021 को इजरायल बैठक के लिए गए थे विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस बैठक में हिस्सा लिए थे।

भारत की अहमियत :

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, "भारत एक बड़ा बाज़ार है, बहुत बड़ा उपभोक्ता है और सबसे ज़्यादा मांग वाले उत्पादों का भी बड़ा उत्पादक है. ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं, जहां ये देश मिलकर काम कर सकते हैं, फिर वो तकनीक, कारोबार, पर्यावरण, कोविड-19 और सुरक्षा ही क्यों न हो।" इस समूह के बीच समुद्री सुरक्षा, बुनियादी ढांचे, डिज़िटल इन्फ़्रास्ट्रक्चर और परिवहन से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा हुई थी। पहली बार इस संगठन ने अक्टूबर 2021 को बैठक की,इस बैठक का एक बड़ा मुद्दा इसराइल और यूएई के बीच संबंध सामान्य बनाना था. इस संगठन को पश्चिमी देशों का quard भी कहा जा सकता है

IPEF का एलान :

बताते चलें, इस समूह के बीच समुद्री सुरक्षा, बुनियादी ढांचे, डिज़िटल इन्फ़्रास्ट्रक्चर और परिवहन से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा हुई थी। पहली बार इस संगठन ने अक्टूबर 2021 को बैठक की थी। इस बैठक का एक बड़ा मुद्दा इसराइल और यूएई के बीच संबंध सामान्य बनाना था. इस संगठन को पश्चिमी देशों का क्वाड भी कहा जा सकता है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने जापान दौरे पर इंडो-पैसिफ़िक इकोनॉमिक फ़्रेमवर्क यानी IPEF का एलान किया था। इस समूह में कुल भारत सहित 13 देशों का समूह है।

पहली बार IPEF का जिक्र :

IPEF का जिक्र पहली बार अक्टूबर 2021 में किया गया था। उस समय राष्ट्रपति जो बाइडन ने IPEF का जिक्र करते हुए कहा था, "अमेरिका अपने सहयोगी देशों के साथ इस इंडो-पैसिफ़िक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क को विकसित करने की कोशिश करेगा. इसके ज़रिये हम व्यापार की सप्लाई चेन कइसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर, श्रम और क़ानून जैसे मुद्दे भी शामिल होंगे।"

OPEF में शामिल देश :

OPEF में 13 देश शामिल है। इन देशों के नामों में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रूनेई, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, न्यूज़ीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। इस दौरे से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन एक और इतिहास रचेंगे। क्योंकि, वह पहली बार इसराइल से सीधे रियाद जा रहे हैं। जबकि, सऊदी अरब और इसराइल के बीच कूटनीतिक रिश्ते नहीं हैं। ऐसा माना जारहा है कि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इन रिश्तो को सुधारने के लिए दोनों देशों की यात्रा पर जा रहे हैं।

शिंज़ो आबे ने रखा था पहली बार प्रस्ताव :

भारत और अमेरिका क्वॉड समूह के भी सदस्य हैं। ये अमरीका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक समूह है। बता दें, साल 2007 में जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे ने पहली बार इसका प्रस्ताव रखा था। जिसे भारत, अमरीका और ऑस्ट्रेलिया ने समर्थन दिया. इसी साल इन देशों की जापान में बैठक हुई थी। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य चीन को विस्तार वादी नीतियों से रोकना है और हिंद प्रशांत महासागर में मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना है। भारत UAE से भी मुक्त व्यापार समझौता करने वाला है।

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