विश्व ब्रेल दिवस
विश्व ब्रेल दिवस Syed Dabeer Hussain - RE
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विश्व ब्रेल दिवस : जानिए नेत्रहीन लुइस ब्रेल को कैसे आया था ब्रेल लिपि बनाने का आईडिया?

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। हर साल 4 जनवरी को पूरी दुनिया में विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन लोगों के लिए बेहद खास है, जो अपनी आंखों से देख नहीं सकते हैं। इस दिन को मनाने का कारण यह है कि आज के ही दिन लुइस ब्रेल का जन्म हुआ था। बता दें कि लुइस ब्रेल ही वह शख्स हैं, जिन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था। गौरतलब है कि ब्रेल लिपि के जरिए ही नेत्रहीन व्यक्ति भी पढ़ सकते हैं। हालांकि ब्रेल लिपि को बनाने वाले लुइस ब्रेल खुद भी नेत्रहीन थे। तो चलिए जानते हैं कि लुइस ब्रेल कौन थे? और उन्होंने कैसे ब्रेल लिपि का आविष्कार किया।

लुइस ब्रेल कौन थे?

दरअसल लुइस ब्रेल का जन्म फ्रांस के कुप्रे नाम के गांव में 4 जनवरी 1809 में हुआ था। लुइस के पिता शाही घोड़ो के लिए काठी और जीन बनाने का काम करते थे। परिवार की खराब स्थिति के चलते लुइस छोटी उम्र में ही अपने पिता के साथ काम करने लगे थे। इसी दौरान एक हादसे में उनकी आंख में चाकू लग गया, जिससे एक आंख खराब हो गई। 8 साल की उम्र तक उन्हें दूसरी आंख से भी दिखाई देना बंद हो गया।

कैसे हुआ ब्रेल लिपि का आविष्कार?

नेत्रहीन होने के बाद लुइस के परिवार ने उनका दाखिला एक पादरी की मदद से नेत्रहीन बच्चों के स्कूल में करा दिया। इस बीच एक बार लुइस की मुलाकात फ्रांस की सेना के कैप्टन चार्ल्स से हुई। चार्ल्स ने लुइस को नाईट राइटिंग के बारे में बताया, जो सैनिकों द्वारा अंधेरे में पढ़ी जाती है। यह 12 बिन्दुओं की एक लिपि थी जो कागज पर उभरी हुई थी। इसी से लुइस को नेत्रहीनों के लिए भी इस तरह की लिपि के बारे में विचार आया। इसके बाद उन्होंने उस लिपि में संशोधन करके उसे 6 बिन्दुओं में बदलकर ब्रेल लिपि का आविष्कार किया।

ब्रेल लिपि क्या है?

दरअसल ब्रेल लिपि एक स्पर्शनीय कोड है, जिसमें विशेष प्रकार के कागज का इस्तेमाल होता है। इस कागज पर बिंदु उभरे हुए होते हैं। इन उभरे हुए बिंदुओं को सेल कहते हैं। नेत्रहीन व्यक्ति इन सेल को छूकर पढ़ सकता है। यह लिपि उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है जो देख नही सकते लेकिन पढ़ाई करना चाहते हैं।

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