केरल की ऐसी नौका रेस जिसके दीवाने थे पंडित नेहरू

Akash Dewani

नेहरू बोट रेस ट्रॉफी केरल में आयोजित एक प्रतिष्ठित वार्षिक स्नेक बोट रेस है जिसका आयोजन भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू की याद में किया जाता है।

नेहरू बोट रेस ट्रॉफी क्या है? | Zeeshan -RE

केरल में नेहरू बोट रेस की शुरुआत 1952 में हुई जब देश के पहले प्रधान मंत्री, जवाहरलाल नेहरू ने अलाप्पुझा का दौरा किया। रेस से प्रभावित होकर PM नेहरू ने चांदी की ट्रॉफी भेंट की, जिससे वार्षिक आयोजन की शुरुआत हुई।

नेहरू बोट रेस ट्रॉफी का इतिहास? | Zeeshan -RE

इस रेस का पहला विजेता साल 1952 में नादुभागम चुन्दन बोट टीम थी जिन्हें पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा सम्मानित किया गया था।

नेहरू बोट रेस ट्रॉफी के प्रथम विजेता कौन थे? | Zeeshan -RE

यह सावन महीने में ओणम त्योहार समारोह के हिस्से के रूप में अलाप्पुझा (अल्लेप्पी) के पुन्नमदा झील पर होता है।

नेहरू बोट रेस ट्रॉफी कहाँ होती है? | Zeeshan -RE

इसमें खूबसूरती से तैयार की गई साँप नौका का उपयोग किया जाता है जिन्हें स्थानीय रूप से "चुंदन वल्लम" के रूप में जाना जाता है।

रेस में किस प्रकार की नावों का उपयोग किया जाता है? | Zeeshan -RE

अलाप्पुझा में नेहरू बोट रेस में आमतौर पर लगभग 20 स्नेक बोट टीमें भाग लेती हैं। टीमें, अक्सर विभिन्न गांवों या संगठनों का प्रतिनिधित्व करती हैं।

कितनी टीम लेती है भाग? | Zeeshan -RE

यह दौड़ राज्य की अद्वितीय नाव-निर्माण शिल्प कौशल को प्रदर्शित करती है। यह राज्य की विशिष्ट पहचान में योगदान देती है और दुनिया भर में पर्यटकों को आकर्षित करती है।

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केरल की संस्कृति में बोट रेस का महत्व? | Zeeshan -RE