आज से महापर्व छठ की होगी शुरुआत

Shreya N

छठ का महापर्व भगवान सूर्य और उनकी बहन छठी मैया को समर्पित होता है। 4 दिन तक चलने वाला यह त्योहार मुख्य रूप से बिहार में मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के भी कुछ भागों में यह त्यौहार मनाया जाता है। 

क्या है छठ पूजा | Syed Dabeer Hussain - RE

छठ का महापर्व चार दिन तक मनाया जाता है। इस साल इसकी शुरुआत 17 नवंबर से होगी। 19 नवंबर, कार्तिक मास की षष्ठी को त्यौहार का मुख्य दिन होगा। इसके बाद 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ त्योहार का समापन होगा।

कब है छठ | Syed Dabeer Hussain - RE

छठ के महापर्व में विवाहित महिलाएं 36 घंटे का कठिन उपवास रखती हैं। इस उपवास के दौरान कुछ भी खाना या पीना वर्जित होता है। यह उपवास महिलाएं अपनी संतानों के स्वास्थ्य, समृद्धि और लंबी आयु के लिए रखती हैं।

छठ का उपवास | Syed Dabeer Hussain - RE

कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से छठ महापर्व की शुरुआत होती है। इस दिन को नहाय-खाय कहते हैं। इस दिन महिलाएं नहा के, घर की सफाई करती हैं। इसके बाद चने की दाल, लौकी की सब्जी और भात का प्रसाद बनता है।

पहला दिन (नहाय-खाय) | Syed Dabeer Hussain - RE

त्यौहार के दूसरे दिन को खरना कहते हैं। इस दिन गुड़ की खीर का प्रसाद बनता है। व्रती महिलाएं रात को इसका सेवन करती है। घर के सभी सदस्यों में भी ये प्रसाद बटता है। इसके बाद छठ का सबसे मुख्य भाग, 36 घंटे का कठिन व्रत शुरू होता है।

दूसरा दिन (खरना) | Syed Dabeer Hussain - RE

कार्तिक मास की षष्ठी तिथि, छठ के महापर्व का मुख्य दिन होता है। इसे संध्या अर्घ्य कहा जाता है। इस दिन व्रती महिलाओं का पूरे दिन निर्जला व्रत होता है। शाम के समय सभी लोग नदी या तालाब में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं।

तीसरा दिन (संध्या अर्घ्य) | Syed Dabeer Hussain - RE

सप्तमी तिथि, छठ के महापर्व का चौथा दिन होता है। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद ही महिलाओं का 36 घंटों का व्रत समाप्त होता है। इस दिन के भोजन में कई तरह के पकवान भी परोसे जाते हैं।

चौथा दिन (उषा अर्घ्य) | Syed Dabeer Hussain - RE

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