हिंदू धर्म में वेदों का महत्व

Shreya N

हिंदू धर्म में कुल चार वेद होते हैं। ऐसा माना जाता है, कि वेदों का ज्ञान देवों ने ऋषियों को दिया और ऋषियों ने अपने शिष्यों को। इन वेदों में संसार का सभी तरह का ज्ञान लिखित है।

4 वेद | Syed Dabeer Hussain - RE

ऋग्वेद में 10,589 मंत्र है। इसे चारों वेदों में सबसे पुराना माना जाता है। ऋग्वेद में मुख्य रूप से पौराणिक कथाओं का विवरण दिया गया है।

ऋग्वेद | Syed Dabeer Hussain - RE

यजुर्वेद में कुल 1,975 मंत्र है। इस वेद में मुख्य रूप से कर्मकांड के बारे में लिखा गया है। इसमें यज्ञ करने की प्रक्रिया, बोले जाने वाले मंत्र और इस्तेमाल होने वाली चीजों का वर्णन किया गया है।

यजुर्वेद | Syed Dabeer Hussain - RE

सामवेद में 1,875 मंत्र है। इस वेद में उपासना के बारे में लिखा गया है। इस वेद में गीत, संगीत, और धुनों का ज्ञान है। इसे ‘गीत की पुस्तक’ भी कहा जाता है। सामवेद आकार की दृष्टि से सबसे छोटा वेद है।

सामवेद    | Syed Dabeer Hussain - RE

अथर्ववेद में 5,977 मंत्र है। इस वेद में विज्ञान का ज्ञान लिखित है। इसमें चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ, देवों की स्तुति के बारे में भी बताया गया है।

अथर्ववेद | Syed Dabeer Hussain - RE

वेदों की उत्पत्ति निम्न ऋषियों से हुई है-

ऋग्वेद – ‘अग्नि’ नामक ऋषि

यजुर्वेद – ‘वायु’ नामक ऋषि

सामवेद – ‘आदित्य’ नामक ऋषि

अथर्ववेद – ‘अंगिरा’ नामक ऋषि

कैसे हुई उत्पत्ति | Syed Dabeer Hussain - RE

इन वेदों की रचना किसी ऋषि ने नहीं की थी। यह ज्ञान तो सृष्टि के प्रारंभ से ही था। मौखिक रूप से यह ज्ञान पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होते आया है। ऋषि वेदव्यास ने इन चारों वेदों को लिपिबद्ध करने का काम किया था।

नहीं है कोई रचयिता | Syed Dabeer Hussain - RE

भारतीय शहरों के प्राचीन शहर

भारतीय शहरों के ऐतिहासिक नाम | Syed Dabeer Hussain - RE