भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले वन्य जीव

Shreya N

एशियाई शेर पूरे विश्व में सिर्फ भारत के गिर नेशनल पार्क में ही पाए जाते हैं। पहले ये भारत में मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के अलावा, मध्य पूर्व में भी पाए जाते थे। इनके संरक्षण के लगातार प्रयास जारी है, जिसमें कई हद तक सफलता भी मिली है।

एशियाई शेर | Zeeshan Mohd - RE

रॉयल बंगाल टाइगर की 96 प्रतिशत आबादी भारत के सुंदरबन में पाई जाती हैं। इसलिए इन विशाल बिल्लियों को भारत में ही देख सकते हैं। हालांकि इनकी कुछ आबादी बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में भी है।

बंगाल टाइगर | Zeeshan Mohd - RE

शेर-पूंछ वाले मकाक सिर्फ भारत की सह्याद्री पर्वत श्रृंखला में पाए जाते हैं। इनकी केवल तीन से चार हजार की आबादी बची हुई है। इन्हें देखने केरल के साइलेंट वैली पार्क, तमिलनाडु के अन्नामलाई टाइगर रिजर्व या कर्नाटक के शरवती वन्यजीव अभयारण्य जा सकते हैं।

लायन टेल्ड मकाक | Zeeshan Mohd - RE

हंगुल या कश्मीरी हंगुल सिर्फ दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाते हैं। वर्तमान में इनकी संख्या 300 से भी कम है। भारत के अलावा सिर्फ पाकिस्तान के कश्मीर में कुछ हंगुल पाए जाते हैं।

हंगुल | Zeeshan Mohd - RE

नीलगिरी तहर भी मुख्यतः सह्याद्री पर्वत श्रृंखलाओं में पाए जाते हैं। पहले यह पूरी पश्चिमी घाट में पाए जाते थे, पर अब यह सिर्फ नीलगिरी पर्वत, अन्नामलाई पहाड़ी और पश्चिमी घाट के दक्षिण भाग में पाए जाते हैं।

नीलगिरि तहर | Zeeshan Mohd - RE

बारहसिंगा मुख्यतः मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क में पाए जाते हैं। असम के भी कुछ भागों में बारह सींगो वाला यह जानवर पाया जाता है। हालांकि पहले यह पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी पाए जाते थे। अब भारत के अलावा बस नेपाल में इनकी थोड़ी आबादी बची हुई है।

बारहसिंगा | Zeeshan Mohd - RE

भारतीय गैंडे पहले पाकिस्तान और म्यांमार में भी बहुत पाए जाते थे। अब ये भारत के अलावा बस नेपाल के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं। भारत में इन गैंडों की संख्या 3000 से भी कम है। इसलिए इन्हें संरक्षण की जरूरत है।

भारतीय गैंडा | Zeeshan Mohd - RE

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