Shreya N
1987 में श्रीलंका की संसद में कुछ लोगों ने ग्रेनेड से हमला किया। ग्रेनेड राष्ट्रपति जेआर जयवर्धने और प्रधानमंत्री रणसिंघे प्रेमदासा के सामने रखी मेज से टकराकर गिरा था। इस हमले में एक सांसद और एक मंत्रालय सचिव की मौत हो गई थी। ऐसा माना जाता है, कि हमला कराने वाले जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) संगठन को भारत-श्रीलंका समझौते से समस्या थी। इनपर लंबे समय तक मुकदमा चला, पर सबूतों की कमी के चलते अपराधी छूट गए।
22 मार्च 2017 को खालिद मसूद नाम का एक व्यक्ति अपनी कार लेकर ब्रिटिश संसद में घुसने का प्रयास करता है। हालांकि इस दौरान उसकी कार वेस्टमिंस्टर ब्रिज से टकराती है। इस हमलें में पांच लोगों की जान चली जाती है, लेकिन जवाबी कार्यवाही में मसूद पुलिस के हाथों मारा जाता है। जब यह हमला हुआ, तब संसद के भीतर 200 सांसद मौजूद थे।
2020 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चुनावों में हार के बाद, उनके समर्थकों ने संसद भवन का घेराव कर लिया और प्रदर्शन करने लगे। इन चुनावों के नतीजों के बाद ट्रंप ने चुनाव में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। इस घेराव में 5 लोगों की मौत हुई, जिसमें एक पुलिस अफसर शामिल था। इस घटना की जांच में ट्रंप को अपने समर्थकों को भड़काने के लिए दोषी पाया गया था।
दिसंबर 2022 में ब्राजील के तत्कालीन राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो की चुनाव में हार के बाद उनके समर्थक उग्र हो गए। हजारों लोग संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन की बैरिकेडिंग तोड़कर अंदर घुसने लगे। यहां बहुत तोड़फोड़ भी हुई। इस हमले के बाद पुलिस ने करीब 400 लोगों को गिरफ्तार किया था।
2007 में फिलीपींस संसद में हमले की वजह मुस्लिम सांसद वहाब अकबर को मारना था। हालांकि, वे इस दौरान पार्किंग में थे। अकबर उस मुस्लिम विद्रोही समूह का हिस्सा थे, जिसने 1996 में सरकार से शांति समझौता कर लिया था। संसद भवन पर हमला करने वाले दो युवक इसी बात से नाराज थे। इस हमले में 3 लोगों की मौत हुई थी।
2010 में रूस के चेचन्या रिपब्लिक की संसद में भी एक आतंकी हमला हुआ था। उग्रवादियों के इस हमले में 6 लोगों की जान गई थी, जिसमें 2 पुलिस अफसर शामिल थे। हमलावरों ने चेचन्या संसद की इमारत पर कब्जा भी कर लिया था, लेकिन पुलिस बल उन्हें मार गिराने में सफल हुआ।
इसी साल अक्टूबर में दो फिदायीन हमलावरों ने तुर्किये के संसद भवन में घुसने की कोशिश की थी। इनमें से एक पुलिस शुटआउट में मारा गया, जबकि दूसरे ने शरीर पर लगे एक्सप्लोसिव डिवाइस एक्टिवेट कर धमाका कर दिया। इस हमले में दो पुलिस वाले घायल हुए, पर किसी की जान नहीं गई।
जनवरी 2021 में न्यूजीलैंड की सांसद में एक व्यक्ति कुल्हाड़ी लेकर घुस गया था। इस व्यक्ति ने संसद भवन के खिड़की व दरवाजे तोड़ दिये थे। हालांकि इस हमले में कोई जनहानि नहीं हुई थी। पुलिस ने कुल्हाड़ी से हमला करने वाले इस शख्स को गिरफ्तार कर लिया था।
दिसंबर 2021 में ऑस्ट्रेलिया की पुरानी इमारत पर भी कुछ प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया था। यहां पर आदिवासी संप्रभुता को लेकर, प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में आग लगा दी थी। इस हमले को एक 32 साल के आरोपी ने अंजाम दिया था।
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