Deeksha Nandini
यह मंदिर UAE के अबू मुरीखाह जिले में 'अल वाकबा' में स्थित है। BAPS हिंदू मंदिर भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच दोस्ती, सांस्कृतिक सद्भाव का प्रतीक है। BAPS संस्था के द्वारा बनवाया जा रहा है और अभी इसे BAPS हिंदू मंदिर के तौर पर जाना जा रहा है।
BAPS हिंदू मंदिर के सात शिखर अरब के सात अमीरातों का प्रतिनिधित्व करते हैं। मंदिर में लगे पत्थर राजस्थान से भेजे गए हैं। इस मंदिर की लंबाई 262, चौड़ाई 180 और ऊंचाई 108 फीट है। BAPS हिंदू मंदिर में 410 स्तंभ, 12 पिरामिडल शिखर, दो गुंबद होंगे। अबू धाबी में BAPS हिंदू मंदिर पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है और इसमें 10 हजार लोग आ सकते हैं।
अबु धाबी एक मुस्लिम देश है, यहाँ भारतीय समुदाय भी रहता है। इस भारतीय समुदाय में बड़ी संख्या हिंदुओं की है। ऐसे में हिंन्दुओं की आस्था को सम्मान देते हुए UAE सरकार द्वारा भव्य BAPS हिन्दू मंदिर का निर्माण करवाना दो देशों के बीच संस्कृति के आदान प्रदान का प्रतीक है।
BAPS मंदिर में स्वामीनारायण, अक्षर-पुरुषोत्तम, राधा-कृष्ण, राम-सीता, लक्ष्मण, हनुमान, शिव-पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, पद्मावती-वेंकटेश्वर, जगन्नाथ और अयप्पा की मूर्तियाँ स्थापित की गई है।
अबुधाबी में स्थित BAPS मंदिर का उद्धघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 फ़रवरी को करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 फरवरी 2018 को यूएई में भारतीय समुदाय को संबोधन के दौरान इस मंदिर के प्रोजेक्ट को शुरू करने की घोषणा की थी। जिसके बाद 20 अप्रैल 2019 को इस मंदिर का शिलान्यास किया था।
70 हजार वर्गफीट में फैले हुए BAPS मंदिर के निर्माण में लगभग 700 करोड़ रुपए खर्च किये गए है। इस मंदिर में 40 हजार क्यूबिक मीटर संगमरमर और 1 लाख 80 हजार क्यूबिक मीटर बलुआ का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर के निर्माण के लिए भारत से सैकड़ों टन नक्काशीदार पत्थर भेजे गए थे।
पीएम मोदी के कार्यकाल में खासकर पिछले एक साल में भारत और यूएई के रिश्तों में काफी निकटता देखने को मिली है। दोनों ही देश कई मुद्दों पर मिलकर काम करने के लिए तैयार हुए हैं। चाहे वो गुजरात बाइब्रेट समिट हो या अहलान मोदी।
अबुधाबी में रहने वाले हिन्दु वर्ग के लोगों के लिए यह गर्व की बात है क्योंकि , मुस्लिम बहुल देश में उन्हें अपनी आस्था प्रकट करने के लिए एक भव्य मंदिर मिलने जा रहा है।
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