अगर आप भी हैं महिला तो जान लें 'अपने अधिकार'

Kavita Singh Rathore

ज्यादातर पिता की संपत्ति बेटे को मिलती है, लेकिन ऐसा नहीं हैं कि, यह अधिकार बेटी को नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम 2005 और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) के तहत पिता की संपत्ति पर बेटा और बेटी दोनों का समान अधिकार बताया है। चाहे बेटी शादीशुदा हो या सिंगल।

पिता की संपत्ति पर बेटी का अधिकार | Aayush Kochale - RE

अगर आपको ऑफिस किसी मेल एम्प्लॉय के बराबर जिम्‍मेदारी तो मिल रही है, लेकिन सैलरी नहीं तो, आप शिकायत कर सकती हैं। इसपर कोई सुनवाई न होने पर आप कंपनी के खिलाफ एक्शन ले सकती हैं। क्योंकि, भारतीय संविधान का एक्‍ट 39 इक्वल रैम्यूनरेशन एक्‍ट आपको बराबर सैलरी का दावा करने का अधिकार देता है।

बराबर वेतन पाने का अधिकार | Aayush Kochale - RE

पिता की मृत्यु के बाद ज्यादातर उनकी नौकरी बेटे के हिस्से ही आती है, लेकिन कंपनसेशन पर नौकरी पाने का अधिकार बेटियों को भी है। बेटी मैरिड हो या अनमैरिड वो भी ये नौकरी ले सकती है। कंपनसेशन के आधार पर पिता की नौकरी पाने का यह नियम साल 2015 में लागू हुआ था।

पिता की मृत्यु के बाद नौकरी पाने का अधिकार | Aayush Kochale - RE

सुप्रीम कोर्ट ने 4 नवंबर 2020 को गुजारा भत्ता और एलीमनी को लेकर देशभर में नया नियम लागू किया था। इसके अनुसार, कोई भी महिला गुजारे भत्ते के लिए अर्जी दायर करती है, तो उसे गुजारा भत्ता मिलेगा। हालांकि, उसे अपनी प्रॉपर्टी और अपने खर्च की जानकारी देना होगा। इसके अलावा महिला ये अर्जी हस्बैंड की प्रॉपर्टी डिटेल्स और देनदारी के ब्यौरे के आधार पर दायर कर सकती है।

गुजारे भत्ते का अधिकार | Aayush Kochale - RE

सेक्सुअल एब्यूज़ की शिकार हुई महिला को अपनी पहचान छुपाने का पूरा अधिकार है। जिससे उस पर समाज में रहते हुए को ऊँगली न उठाए। यदि सेक्सुअल एब्यूज की शिकार पीड़‍िता की पहचान उसकी मर्जी के बिना बताई गई, तो ऐसा करने वाले को 2 साल सजा और जुर्माने का प्रवधान है।

पहचान जाहिर न करने का अधिकार | Aayush Kochale - RE

अगर महिला के साथ यौन शोषण हुआ है, तो वह इसके खिलाफ आवाज उठाते हुए अपनी कंपनी के खिलाफ “आंतरिक POSH कमिटी” को 3 महीने के अंदर सारी छान-बीन की इक्छा भी जाहिर कर शिकायत कर सकती है। अगर मामले में कार्रवाई नहीं होती तो, कंपनी के खिलाफ सख्त ऐक्‍शन हो सकता है। इसके अलावा अगर किसी महिला को ससुराल में किसी भी तरह की प्रताड़ना सहना पड़ रही है तो वह ससरल पक्ष की शिकायत कर सकती है।

यौन उत्पीड़न या प्रताड़ना पर आवाज उठाने का अधिकार | Aayush Kochale - RE

अगर कोई वर्किंग महिला मां बनने वाली हैं और जॉब नहीं छोड़न चाहती तो वह मैटरनिटी बेनिफिट लॉ 1961 के तहत अपने अधिकार प्राप्त कर सकती है। उसे 26 हफ्ते तक पेड मैटरनिटी लीव मिलेगी। वहीं, गर्भावस्था या गर्भपात से हुई बीमारी के दौरान एक महीने की पेड लीव मिलती है। डिलीवरी प्रूफ दिखाने पर मैटरनिटी बेनिफिट भी मिलता है।

मेटरनिटी लीव लेने का अधिकार | Aayush Kochale - RE

महिलाओं को सूर्य उदय से पहले और सूर्यास्त के बाद कोई गिरफ्तार नहीं कर सकता। किसी महिला को बिना कानूनी इजाज़त के रात के समय पुलिस स्टेशन में हिरासत में नहीं रख सकते है। रेप विक्टिम को कानूनी सहायता मुफ्त में मिलती है। इसके अलावा आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 के तहत महिला की बिना मर्जी के स्‍टाकिंग करने पर जेल हो सकती है। महिला को किसी भी एरिया के पुलिस स्टेशन में FIR करने का अधिकार हैं।

कानूनी सहायता का अधिकार | Aayush Kochale - RE

अब गर्मियों में भी बेफिक्र होकर पिए चाय

अब गर्मियों में भी बेफिक्र होकर पिए चाय | Aayush-RE