ऐसे रखें गए माता रानी के 9 नाम

Kavita Singh Rathore

माता शैलपुत्री का नाम संस्कृत के दो शब्दों 'शैल' और पुत्री से बना है। इसमें 'शैल' का अर्थ है पर्वत और 'पुत्री' का अर्थ बेटी है। माता शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री है, इसलिए उन्हें शैलपुत्री नाम से जाना जाता है। ये माता दुर्गा के सबसे दिव्य रूपों में से एक हैं।

माँ शैलपुत्री | Aayush Kochale - RE

माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए तपस्या की थी। इसी दौरान उन्हें ब्रह्मचारिणी नाम मिला। ब्रह्मचारिणी माता को नवरात्र के दूसरे दिन पूजा जाता है।

माँ ब्रह्मचारिणी | Aayush Kochale - RE

चंद्र घंटा यानि जिनके मस्तक पर चाँद का आकार हो। माँ चंद्रघंटा के माथे पर अर्धचंद्र आकार का तिलक होता है, इसलिए उनका नाम चंद्रघंटा है। माता ने हाथों में त्रिशूल, तलवार और गदा रखा है।

माँ चंद्रघंटा | Aayush Kochale - RE

माता को जब ब्रह्मांड उत्पन्न करने की शक्ति प्राप्त हुई। उसके बाद उन्हें कुष्मांडा नाम मिला। माता ने अपने भीतर ब्रह्मांड को समेट रखा है। माँ की आठ भुजाएँ हैं इसलिए उन्हें अष्टभुजा देवी भी कहते हैं।

माँ कुष्मांडा | Aayush Kochale - RE

पुत्र कार्तिकेय के नाम स्कंद होने के चलते स्कंद की माता यानि स्कंदमाता कहलाती है। वह माता का पांचवां स्वरूप हैं। कमल के आसन पर विराजमान होने के कारण माता को पद्मासन देवी भी कहते है।

माँ स्कंदमाता | Aayush Kochale - RE

महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर माता ने उनके घर पुत्री रूप में जन्म लिया था, इसीलिए उन्हें कात्यायिनी नाम मिला। कात्यायनी माँ महादेवी का एक रूप है। उन्होंने ही राक्षस महिषासुर का वध किया था। वह नवरात्र के छठवें दिन पूजी जाती हैं।

माँ कात्यायनी | Aayush Kochale - RE

मां पार्वती अर्थात् हर तरह के संकट का नाश करने वाली है,इसीलिए कालरात्रि कहलाती है। माँ कालरात्रि ने दुष्टों का विनाश करने के लिए यह अवतार लिया था। इनके स्मरण मात्र से ही दानव, दैत्य, राक्षस, भूत, प्रेत आदि भयभीत हो जाते हैं। माँ ग्रह-बाधाओं को भी दूर करती हैं।

माँ कालरात्रि | Aayush Kochale - RE

माँ महागौरी ने कठिन तपस्या से गौर वर्ण अर्थात् गोरा रंग प्राप्त किया था, इसीलिए उन्हें ये नाम मिला। महागौरी अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करती हैं। महागौरी भगवान शिव के साथ अर्घांगिनी के रुप में विराजमान हैं।

माँ महागौरी | Aayush Kochale - RE

मां दुर्गा के नवें रूप को सिद्धिदात्री कहते हैं क्योंकि, उनमें अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व एवं वशित्व ये आठ सिद्धियां होती हैं और वह हर प्रकार की सिद्धि देती है,उन्हें सिद्धिदात्री कहा जाता है।

माँ सिद्धिदात्री | Aayush Kochale - RE

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Ramayana Movies | Aayush Kochale - RE