भारत को पिछड़ा समझने वाले देखें भारतीय वास्तुकला के अद्भुत करिश्में

shreya nakade

13वीं सदी में बने इस मंदिर को एक रथ का आकार दिया गया है, जिसके सात पहिये हैं। यहां सूर्य की सबसे पहली किरण गर्भ ग्रह में स्थापित मूर्ती पर पड़ती है। इस मंदिर के पहिए समय बताने में मदद करते थे।

कोणार्क सूर्य मंदिर, ओडिशा | Syed Dabeer Hussain - RE

चोला साम्राज्य के कई मंदिर यहां की प्राचीन विरासत को झलकाते हैं। तंजावुर में चोला राजा द्वारा बनाए राजराजेश्वरम मंदिर में आपको भरटनाट्यम के कुल 108 poses का चित्रण मिलेगा। इस मंदिर की इमारत भी बहुत विशाल और आकर्षक है।

राजराजेश्वर मंदिर, तंजावुर | Syed Dabeer Hussain - RE

विजय नगर साम्राज्य द्वारा तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित विजय विठाला मंदिर की वास्तुकला आपको चौका देगी। यहां के पिल्लर्स को म्युजिकल पिल्लर्स कहते है। इस पर हाथ चलाने से संगीत के स्वर निकलते है।

विजय विट्ठाला मंदिर, हम्पी | Syed Dabeer Hussain - RE

मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले का यह मंदिर आम इमारतों की तरह किसी नींव को रखकर नहीं बना। इस मंदिर को एक चट्टान काटकर बनाया गया था। इसलिए इसे नीचे से उपर की ओर नहीं बल्की ऊपर से नीचे की ओर बनाया गया था।

धर्मराजेश्वर मंदिर, मंदसौर   | Syed Dabeer Hussain - RE

5वीं शताब्दी में सम्राट अशोक ने इस मंदिर को बनवाना प्रारंभ किया था। इसकी ऊंचाई 170 फीट है। यहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति की थी। इस मंदिर की दिवारों में बहुत बारीक कलाकृतियां देखने को मिल जाएगी।

मधुबनी मंदिर, गया | Syed Dabeer Hussain - RE

सात अजूबों में से एक ताज महल बेशक भारतीय वास्तुकला की समृद्धि को विश्व स्तर तक पहुंचाते आया है। सफेद संगमरमर से बनी इस इमारत को आज बनाने में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर लग जाएंगे।

ताजमहल, आगरा | Syed Dabeer Hussain - RE

यह उद्यान गुजरात के सुल्तान महमूद बेगदा द्वारा बसाये गए ऐतिहासिक शहर चंपानेर के पास है। यहां हिंदु, जैन, व इस्लामिक संस्कृति की कई समृद्ध इमारतें व धार्मिक स्थल हैं।

चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान | Syed Dabeer Hussain - RE

एक नज़र भारत के आलिशान होटलों की ओर

देश के सबसे आलिशान और महंगे होटल्स | Syed Dabeer Hussain - RE